a short essay on vigyapan se labh or hani( in hindi) plz help
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विज्ञान की प्रगति ने मानव में नवचेतना का संचार किया है। आज मानव मुश्किल से मुश्किल और अत्यन्त खतरनाक कामों को भी करने से नहीं कतरा रहा है।
अब यह प्रश्न उठता है कि विज्ञान से लाभ हुआ है या हानि ?
जैसा कि हम जानते हैं कि हर किसी चीज का अच्छा और बुरा दोनों ही पहलू होता है, अर्थात् यदि कोई चीज हमें सुख दे सकती है तो कभी दुख का कारण भी बन सकती है। सर्वप्रथम हम विज्ञान से लाभों का आंकलन करें तो पाते हैं कि हमारे रोजमर्रा के कार्यकलापों और विकास में विज्ञान ने अहम भूमिका निभाई है। चाहे भोजन पकाना हो, शिक्षा की बात हो अथवा अन्य कामकाज की बात हो, हर जगह वैज्ञानिक उपकरणों का प्रयोग होता दिखाई देगा। बिना टेलिफोन, बिजली, टी0वी0, कम्प्यूटर, वाहन आदि के हमारी जिन्दगी कैसी होगी यह सोचकर भी किसी का मन दहल उठेगा? इन साधनों ने हमारी जिन्दगी को अत्यन्त सुलभ बना दिया है। आज विश्व के हर कोने के लोग परस्पर किसी न किसी रूप में एक-दूसरे से जुड़ गए हैं। संसार में होने वाली हर गतिविधियों से हम अनभिज्ञ नहीं रहते।
अपितु, विज्ञान के दुष्प्रभावों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता! विज्ञान ने हमारे जीवन को सुलभ बनाने के साथ ही नाना प्रकार के रोग, प्रदुषण और खतरे पैदा किये हैं। नाभिकीय और परमाण्वीय प्रयोगों तथा औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदुषण विकराल रूप धारण कर चुकी है। पेयजल, वायु और भूमि प्रदुषण से हमारे अस्तित्व पर संकट के बादल छाने लगे हैं। अनेक प्रकार के वन्य जीव-जंतु एवं वन्य प्रजातियाँ या तो विलुप्त हो गयी हैं या विलुप्ति के कगार पर है। अत्यधिक वैज्ञानिक गतिविधियों ने संसार के विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा तथा तापमान में विषमता लायी है।
अतः यह कहना अत्योशक्ति न होगा कि विज्ञान ने जितना हमें दिया है, उतना हमसे लिया भी है। प्रगति अपने नैसर्गिक सौन्दर्य से वंचित हो रही है। अतः हमें और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को विज्ञान के सीमित प्रयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके। इस प्रकार हम विज्ञान तथा प्रकृति दोनों का लाभ उठा सकेंगे।
विज्ञापन के लाभ
और हानियां
आज का युग वैज्ञानिक युग है। हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसका प्रभाव देखा जा सकता है। विज्ञान शब्द का अर्थ है- किसी भी विषय में विशेष ज्ञान प्राप्त करना। मनुष्य का यह स्वभाव है कि वह अधिक - से - अधिक जानकारी व ज्ञान प्राप्त करना चाहता है। यही कारण है कि उस आदमी पत्थर के ज़ाने से आज वैज्ञानिक युग तक पहुँच गया है। आज के वैज्ञानिक सेवकों ने मनुष्य को हैरान कर दिया है। आधुनिक वैज्ञानिक आविष्कारों से मनुष्य का जीवन बहुत सुखी और सरल बन गया है। आज के मनुष्य को हर प्रकार की सुविधा प्राप्त है। रेलगाड़ी, मोटर और वायुयान जैसे यातायात के साधन हैं। सिनेमा, रेडियो और टेलीविज़न के रूप में हमें बेहतरीन मनोरंजन के साधन प्राप्त हैं। आज लगभग सभी रोगों का इलाज संभव है। बड़े - बड़े ऑपरेशन साधारण हो गए हैं। शरीर के बनावटी अंगों की सहायता से मनुष्य पूरे काम कर सकता है- बहरे सुन सकते हैं और लंगड़े चल सकते हैं। सर्दी - गर्मी को हमने बिजली की सहायता से अपने वश में कर लिया है। बड़ी - बड़ी मशीनें हमारे एक बटन दबाने पर चलने लगती हैं। यह सब विज्ञान का ही चमत्कार है। जैसे पौधों पर सुंदर फूल के साथ काँतों का होना स्वाभाविक है, उसी तरह विज्ञान के प्रभावों के साथ शैतानियों का भी डर रहता है। बिजली के नंगे तार पर हाथ लगना, तो क्षण - भर में जीवन समाप्त हो जाता है। असाध्य रोगों को दूर करने के साथ ऐसे भयंकर अस्त्र - शस्त्र भी मनुष्य ने बना लिए हैं, जो कुछ ही समय में सभी संसार को भस्म कर सकते हैं। इसी विज्ञान ने आज विश्व के देशों में एक - दूसरे पर संदेह और भय उत्पन्न किया है। वायुयान जहाँ जरूरत की जगह पर अन्न, वस्त्र और औषधियाँ ले जाता है, वहीं बम भी गिरा हो सकता है। इस प्रकार, विज्ञान से शैतानियाँ भी हैं, लेकिन यह दोष विज्ञान का नहीं है। यह दोष इन वस्तुओं के प्रयोग करने वाले मनुष्यों का है। अतः विज्ञान का सदुपयोग किया गया, तो इससे लाभ - ही - लाभ है।