Hindi, asked by shravyanallapaneni2, 10 months ago

A speech on the slogan: 'एक पेड़, एक जिंदगी' . pls reply fast. about 250-300 words needed

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Answered by ambarkumar1
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पिछले कुछ वर्षों में पर्यावरण के लिए बढ़ते खतरे में इजाफ़ा हुआ है। धरती को हमारे लिए और साथ ही साथ हमारी अगली पीढ़ियों के लिए रहने हेतु साफ़ तथा सुरक्षित स्थान बनाने का कर्तव्य और ज़िम्मेदारी है लेकिन पर्यावरण संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग से हमने पारिस्थितिक संतुलन को काफ़ी हद तक बिगाड़ दिया है। यह हमारे लिए जरूरी है कि हम इसके साथ प्रयोग करने और इसे अधिक शोषण करने के बजाय पर्यावरण के अनुरूप रहें।

मुझे खुशी है कि आज हमारी सुबह की सभा में हमने इस अत्यंत महत्वपूर्ण विषय, पर्यावरण को बचाना, पर स्पीच देने और चर्चा के लिए चुना है और स्कूल की हेड गर्ल होने के नाते इस विषय पर स्पीच देने का विशेषाधिकार प्राप्त कर मैं खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूँ। मुझे पर्यावरण और भूगोल पर चर्चा के रूप में चुने जसने वाले विषय से ज्यादा अच्छा और कोई विषय नहीं लगता खासकर जब यह हाल के दिनों में इस तरह का अपने आप में एक प्रचलित विषय बन गया है। मुझे यकीन है कि हम में से हर कोई किसी भी कीमत पर पर्यावरण को बचाना चाहता है। हालांकि पर्यावरण को बचाने का मतलब केवल हमारे तत्काल परिवेश की सुरक्षा का मतलब नहीं है बल्कि हमारे पार्क, वन भंडार और वन्यजीव अभयारण्य भी हैं। इसमें संदेह की कोई गुंजाइश नहीं है कि हम सभी पर अपनी धरती माँ को बचाने की जिम्मेदारी है जिससे यह रहने के लिए एक साफ़ और सुरक्षित जगह बन सके।

सभी पर अपनी छत्र–छाया रखने वाली धरती माँ ने मनुष्यों को प्रकृति के कुछ अविश्वसनीय रूप से सुंदर उपहार दिए हैं जिसमें नदियां, पहाड़, जंगल और विभिन्न प्राकृतिक संसाधन हैं जो हमें हर दिन इस ग्रह पर जीवित रहने में मदद करते हैं। इसलिए अब हमारी बारी है कि पर्यावरण को उन चुनौतियों से बचाने के लिए काम करना है जो हमारी धरती माँ के अस्तित्व के लिए लगातार खतरा बन रही हैं।

अफसोस की बात है पृथ्वी का कोई भी हिस्सा ऐसा नहीं है जो हमारे कार्यों से प्रभावित नहीं हुआ है चाहे हमारे ग्रह का स्वास्थ्य हो या उस भूमि के रूप में हो जहां हम रहते हैं, काम करते हैं, ओजोन परत, जल आपूर्ति, वन्यजीव या हमारी प्रजातियां – जिन पर लगातार ख़तरा बढ़ता जा रहा है। हम जिस वातावरण में रहते हैं वह निश्चित रूप से उस तरह से अनुकूल नहीं है जैसा कि पहले होना था। नदियों में भारी मात्रा में रासायनिक उद्योगों से निकलने वाले जहरीले रसायन मिल रहे है, वाहनों से लगातार जहरीला धुआं निकल रहा है। लोग ऐसे तरीके से कचरे का निपटारा कर रहे हैं जो हमारे पर्यावरण के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है।

हालांकि समस्या काफी हद तक बढ़ गई है लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका समाधान मौजूद ना हो। हमें अपने आप पर विश्वास रखना होगा कि हम अपने ग्रह के लिए कुछ कर सकते हैं।

तो आइए हर संभव तरीके से हमारी “धरती माता” को बचाने की प्रतिज्ञा ले।

Answered by rosey25
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आओ फिर एक बदलाव लाए, हर रोज एक पेड़ लगाएं

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