A speech on these three topics :
1) आपके मत से कोई संत पुरुष या प्रेरणादायी व्यक्ति के बारे मे बोलो
2) आपका कोई भी प्रिय नेता और उसका एक प्रेरणादायी प्रसंग
3) कोई एसा प्रसंग जीसमें परिश्रम, धैर्य और सहयोग की बात की गई है
Answers
Answer:ok
Explanation:
1) आपके मत से कोई संत पुरुष या प्रेरणादायी व्यक्ति के बारे मे बोलो
मेरे मत से संत पुरुष या प्रेरणादायी व्यक्ति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम में सादगी, मितव्ययिता और ईमानदारी जैसे उन गुणों की मिसाल थे| डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मिलनसार थे वो किसी को छोटा या बड़ा नहीं मानते थे सबसे बात करते थे|
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से हमें शिक्षा मिलती है,
हमें जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए | हमारे जीवन में कभी भी कितनी भी असफलता आए हमें असफलताओं से सिखकर आगे बढ़ना चाहिए| हमें अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए और कभी भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए| उनकी कड़ी मेहनत और लग्न के साथ उन्होंने कभी भी हार नहीं मैं और अपने जीवन में सफलता प्राप्त की |हमें भी उन्हें जीवन से आगे बढ़ने की प्रेरणा लेनी चाहिए|
2)आपका कोई भी प्रिय नेता और उसका एक प्रेरणादायी प्रसंग
प्रिय नेता और उसका एक प्रेरणादायी प्रसंग मोहनदास करमचंद गांधी है |
हमेशा सच्चाई के रास्ते पर चलना चाहिए | शान्तिः से मुश्किलों का सामना करना चाहिए | लड़ाई करके कुछ नहीं मिलता | सत्य के रास्ते पर चलने से हम सब कुछ जीत सकते है | हमें अपने आस-पास सफाई रखनी चाहिए| सत्य पर हमेशा अटल रहना चाहिए | सत्य और अहिंसा और के रास्ते पर चलना चाहिए| बापू हमेशा अमर है और रहेंगे उनकी बातें उनकी सिख हमेशा उन्हें अमर रखेगी |
बापू जी के जीवन से हमें यही सीख मिलती है कि यदि हमें बार-बार असफलता का सामना करना पड़े तब भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए। हो सकता है कि इस असफलता के बाद ही सफलता मिले।
3)कोई एसा प्रसंग जीसमें परिश्रम, धैर्य और सहयोग की बात की गई है|
यह कहानी एक लड़की की है, उसका नाम आरती है | आरती बहुत ही गरीब परिवार से थी| आरती ने परिश्रम, धैर्य और सहयोग के साथ आगे बढ़ी और सफलता हासिल की |आरती के माता -पिता बड़ी मेहनत करके अपने परिवार का गुज़ारा करते थे | आरती पढ़ना चाहती थी | उसे संगीत में बहुत पसंद था | उसके पिता जी उसे कहते थे , की संगीत में कोई फ़ायदा नहीं है | आरती ने अपने पिता जी को विश्वास दिलाया , पिता जी आप मुझ पर भरोसा रखो मैं संगीत में आगे पढ़ना चाहती हूँ , और मुझे पढ़ने दो| यह विश्वास दिला कर मैं आगे की पढ़ाई करने के लिए शिमला चली गई |
आरती ने घर से पैसे लेने से मना कर दी और अपने आप मेहनत करके आगे समय निकला|आरती ने पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी जगह संगीत सिखाया और अपना समय निकला| "अंततः वह अपनी योजना में सफल हो गई और उसने नेट का पेपर दिया और पास हो गई|अब आरती एक कॉलेज में संगीत की अध्यापक है|आरती ने उसके बाद अपने माता-पिता की सेवा की और उसके माता-पिता ने उसके लिए बलिदान दिए थे वह तो नहीं चूका सकती थी पर उसने माता-पिता को बहुत खुशियाँ दी| और मैंने माता-पिता को खुश देखकर और अपने उपर गर्व महसूस देखकर मैंने राहत की सांस लेते हुए सोचा कि आज मेरा मानव जीवन सफल हो गया। मैंने अपने माता-पिता का सर ऊँचा करके दिखाया |