A summary about chapter 'आदमी नामा'
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'आदमानामा' कविता में मानव के विविध रूपों पर प्रकाश डाला गया है। कवि के अनुसार मानव में अनेक संभावनाएँ छिपी हुई हैं। उसकी परिस्थियाँ और भाग्य भी भिन्न हैं जिसके कारण उसे भिन्न-भिन्न रूपों में जीवन जीना पड़ता है।
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इन पंक्तियों में में नजीर ने कहा है कि इस दुनिया में सभी आदमी हैं। बादशाह भी आदमी है तथा गरीब भी आदमी ही है। मालदार भी आदमी ही है और कमजोर भी आदमी है। जिसे खाने की कमी नही है वो भी आदमी है और जिसे मुश्किल से रोटी मिलती है वो भी आदमी ही है।
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