अंतर्यामी शब्द में कौन सा उपसर्ग है
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उपसर्ग
जो शब्दांश किसी मूल शब्द के पहले जुड़कर उसके अर्थ मेँ परिवर्तन या विशेषता उत्पन्न कर देते हैँ, उन शब्दांशोँ को उपसर्ग कहते हैँ। जैसे –
‘हार’ एक शब्द है। इस शब्द के पहले यदि 'सम्, वि, प्र', उपसर्ग जोड़ दये जायेँ, तो– सम्+हार = संहार, वि+हार = विहार, प्र+हार = प्रहार तथा उप+हार = उपहार शब्द बनेँगे। यहाँ उपसर्ग जुड़कर बने सभी शब्दोँ का अर्थ ‘हार’ शब्द से भिन्न है।
उपसर्गोँ का अपना स्वतंत्र अर्थ नहीँ होता, मूल शब्द के साथ जुड़कर ये नया अर्थ देते हैँ। इनका स्वतंत्र प्रयोग नहीँ होता। जब किसी मूल शब्द के साथ कोई उपसर्ग जुड़ता है तो उनमेँ सन्धि के नियम भी लागू होते हैँ। संस्कृत उपसर्गोँ का अर्थ कहीँ–कहीँ नहीँ भी निकलता है। जैसे – ‘आरम्भ’ का अर्थ है– शुरुआत। इसमेँ ‘प्र’ उपसर्ग जोड़ने पर नया शब्द ‘प्रारम्भ’ बनता है जिसका अर्थ भी ‘शुरुआत’ ही निकलता है।
♦ विशेष—
यह जरूरी नहीँ है कि एक शब्द के साथ एक ही उपसर्ग जुड़े। कभी–कभी एक शब्द के साथ एक से अधिक उपसर्ग जुड़ सकते हैँ। जैसे–
• सम्+आ+लोचन = समालोचन।
• सु+आ+गत = स्वागत।
• प्रति+उप+कार = प्रत्युपकार।
• सु+प्र+स्थान = सुप्रस्थान।
• सत्+आ+चार = सदाचार।
• अन्+आ+गत = अनागत।
• अन्+आ+चार = अनाचार।
• अ+परा+जय = अपराजय।
♦ उपसर्ग के भेद –
हिन्दी भाषा मेँ चार प्रकार के उपसर्ग प्रयुक्त होते हैँ—
(1) संस्कृत के उपसर्ग,
(2) देशी अर्थात् हिन्दी के उपसर्ग,
(3) विदेशी अर्थात् उर्दू, अंग्रेजी, फारसी आदि भाषाओँ के उपसर्ग,
(4) अव्यय शब्द, जो उपसर्ग की तरह प्रयुक्त होते हैँ।
1. संस्कृत के उपसर्ग
संस्कृत मेँ कुल बाईस उपसर्ग होते है। वे उपसर्ग तत्सम शब्दोँ के साथ हिन्दी मेँ प्रयुक्त होते है। इसलिए इन्हेँ संस्कृत के उपसर्ग कहते हैँ। यथा—
उपसर्ग – अर्थ – उदाहरण
1. अति – अधिक, ऊपर – अत्यन्त, अतिरिक्त, अतिवृष्टि, अत्यधिक, अतिशय, अतिक्रमण, अतिशीघ्र, अत्याचार, अत्युक्ति, अत्यावश्यक, अत्यल्प, अतिसार, अतीव।
2. अधि – प्रधान, श्रेष्ठ – अधिकार, अधिपति, अधिनियम, अध्यक्ष, अधिकरण, अध्ययन, अधिगम, अधिकृत, अधिनायक, अधिभार, अधिशेष, अध्यादेश, अधीक्षण, अध्यापक, अधिग्रहण, अध्याय।
3. अनु – पीछे, क्रम – अनुचर, अनुसार, अनुग्रह, अनुकूल, अनुकरण, अनुरूप, अनुशासन, अनुरोध, अनुमान, अनुज, अनुबन्ध, अनुष्ठान, अनूदित, अनुप्रास, अन्वेषण, अनुराग, अनुभव, अनुदार, अनुदिन, अन्विति, अनुज्ञा, अनुवर्तन, अन्वय, अनुभार, अन्वीक्षा, अन्वीक्षण, अन्विष्ट, अन्वेक्षक, अन्वेषक।
4. अप – बुरा, अभाव – अपयश, अपकार, अपव्यय, अपहरण, अपमान, अपवाद, अपशब्द, अपकीर्ति, अपवर्तन, अपशिष्ट, अपवर्जन, अपेक्षा, अपकर्षण, अपघटन, अपवाह, अपभ्रंश।
5. अव – नीचे, हीन, बुरा – अवगुण, अवतार, अवनति, अवरुद्ध, अवधारणा, अवशेष, अवसान, अवकाश, अवमूल्यन, अवसाद, अवधान, अवलोकन, अवसर, अवचेतना, अवाप्ति, अवगत, अवज्ञा, अवस्था, अवमानना।
6. अभि – सामने, पास – अभिमान, अभिमुख, अभिमत, अभिनय, अभिनव, अभिवादन, अभियोग, अभिमन्यु, अभिज्ञान, अभियुक्त, अभिषेक, अभिनेता, अभिराम, अभिवृद्धि, अभिलाषा, अभिकरण, अभीष्ट, अभ्यास, अभ्यांतर, अभ्युदय, अभ्यागत, अभिशाप।
7. आ – तक, सहित – आजन्म, आमरण, आगमन, आक्रमण, आहार, आयात, आतप, आजीवन, आदान, आसार, आकर्षण, आलेख, आभार, आधार, आगार, आश्रय, आगत, आकर।
8. उत् – ऊँचा, श्रेष्ठ – उत्साह, उत्कण्ठा, उत्थान, उत्तम, उत्पन्न, उत्पत्ति, उत्पीड़न, उत्कृष्ट, उद्धार, उज्ज्वल, उद्योग, उल्लेख।
9. उप – पास, गौण, सहायक – उपवन, उपदेश, उपमन्त्री, उपकार, उपनाम, उपनयन, उपस्थिति, उपन्यास, उपचार, उपयोग, उपांग, उपमन्यु, उपराष्ट्रपति, उपकृत, उपहार, उपसंहार, उपलक्ष्य, उपहास, उपकुलपति, उपयुक्त, उपायुक्त, उपखण्ड, उपक्रम, उपग्रह।
10. दुर् – बुरा, कठिन, विपरीत – दुर्जन, दुर्दशा, दुर्लभ, दुराचार, दुराशा, दुराग्रह, दुर्भाग्य, दुर्योधन, दुर्गम, दुर्बल, दुर्गति, दुर्वासा, दुर्भिक्ष, दुर्गुण।
11. दुस् – बुरा, कठिन – दुस्साहस, दुष्कार्य, दुश्चरित्र, दुष्कर, दुश्चिन्ता, दुश्शासन, दुष्कर्म, दुस्साध्य, दुस्तर, दुःस्पर्श।
12. नि – रहित, विशेष, अधिकता – निगम, निपुण, निवारण, निडर, निवास, निदान, निरोध, नियम, निबन्ध, निमग्न, निकास, निहित, निहत्था, निधि, निवेश, न्यस्त, निलंबन, निकम्मा, निवृत्त, निकाय, निधन।
13. निर् – निषेध, विपरीत, बड़ा, बाहर – निर्लज्ज, निर्भय, निर्णय, निर्दोष, निरपराध, निराकार, निराहार, निर्धन, नीरोग, निराशा, निर्विघ्न, निर्दोष, निर्गुण, निरभिमान, निर्वाह, निर्जन, निर्यात, निर्दयी, निर्मल, निर्भीक, निरीक्षक, निर्माता, निर्वाचन, निर्विरोध, निरर्थक, निरस्त, निर्निमेष, निर्भय, निरंजन, निरुपम।
14. निस् – रहित, अच्छी तरह से, बड़ा – निश्चल, निश्चय, निस्सार, निस्सन्देह, निश्छल, निष्काम, निस्संकोच, निस्स्वार्थ, निस्तारण, निष्कपट, निष्कासन।
15. परा – पीछे, तिरस्कार, विपरीत – पराजय, पराभव, पराक्रम, परामर्श, पराधीन, परावर्तन, परास्त, पराकाष्ठा।
16. परि – पूर्ण, पास, चारोँ ओर – परिणाम, परिवर्तन, परिश्रम, परिक्रमा, परिवार, परिपूर्ण, परिमार्जन, परिमाप, परिसर, परिधि, परिणति, परिपक्व, परिचर्या, परिचर्चा, परिकल्पना, परिभ्रमण, पर्यावरण, पर्यवेक्षण, परीक्षा, परिणय, परिग्रह, पर्यटन, परिचय।
17. प्रति – प्रत्येक, उल्टा – प्रतिदिन, प्रतिनिधि, प्रतिपक्ष, प्रत्यक्ष, प्रतिकूल, प्रतिक्षण, प्रतिमास, प्रतिरोध, प्रतिलिपि, प्रतिमान, प्रतिग्राम, प्रतिज्ञा, प्रत्यावर्तन, प्रतिमा, प्रतिष्ठा, प्रतिभा, प्रतीक्षा।
18. प्र – अधिक, आगे, उत्कृष्ट – प्रथम, प्रबल, प्रहार, प्रभाव, प्रकार, प्रदान, प्रयोग, प्रचार, प्रक्रिया, प्रवाह, प्रपंच, प्रगति, प्रदर्शन, प्रलय, प्रमाण, प्रसिद्ध, प्रख्यात, प्रस्थान, प्रेषण, प्रमेय, प्रवेश, प्रलाप, प्रज्वलित, प्रमोद, प्रकाश, प्रदीप।
19. वि – विशेष, अभाव, भिन्न – वियोग, विभाग, विनाश, विज्ञान, विजय, विदेश, व्याकुल, विकृत, विकट, विपक्ष, विचार, विशेष, विराम, विकल, विमल, विरोध, विकास, विवृत्त, विमान, व्याकरण, विख्यात, विलोम, विवाद, विवाह।