अंतरराष्ट्रीय कानून से क्या आशय है परिभाषा देते हुए समझाइए
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अन्तर्राष्ट्रीय कानून उन नियमों का समूह है जिनके अनुसार सभ्य राज्य शान्तिकाल तथा युद्धकाल में एक-दूसरे के साथ व्यवहार करते हैं । ‘अन्तर्राष्ट्रीय कानून’ शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम 1780 में जेरेमी बेन्थम द्वारा किया गया । यह शब्द ‘राष्ट्रों का कानून’ (Law of nations) का पर्यायवाची है । अन्तर्राष्ट्रीय कानून के अर्थ को समझने के लिए इसकी विविध परिभाषाओं पर विचार करना आवश्यक है ।’ ओपेनहीम के अनुसार- ”अन्तर्राष्ट्रीय कानून उन प्रयोगों में आने वाले तथा सन्धियों में प्रयोग किए जाने वाले नियमों का नाम है जिनको सभ्य राज्य पारस्परिक व्यवहारों में प्रयोग करने के लिए बाध्य होता है ।”
ह्यूज के अनुसार- ”अन्तर्राष्ट्रीय कानून ऐसे सिद्धान्तों का समूह है जिनको सभ्य राष्ट्र पारस्परिक व्यवहार में प्रयोग करना बाध्यकारी समझते हैं । यह कानून सर्वोच्चता सम्पन्न राज्यों की स्वीकृति पर निर्भर है ।”
हैन्स केल्सन के अनुसार- ”राष्ट्रों की विधि अथवा अन्तर्राष्ट्रीय विधि की व्याख्या इस प्रकार की जा सकती है कि वह नियमों और सिद्धान्तों का एक संकलन है जिसके अनुसार कार्य करना पारस्परिक व्यवहार में सभ्य राज्यों के लिए आवश्यक है ।”
सर हेनरीमैन के अनुसार- “राष्ट्रों की विधि भिन्न-भिन्न तत्वों की एक जटिल योजना है । उसमें अधिकारों तथा न्याय के साधारण सिद्धान्त निहित हैं । इनका प्रयोग समान रूप से राज्यों के व्यक्ति तथा राज्य पारस्परिक व्यवहारों में कर सकते हैं । यह एक निश्चित कानूनों की संहिता है रीति-रिवाजों और विचारों का संकलन है जिनका प्रयोग पारस्परिक व्यवहार में राज्यों के बीच किया जा सकता है ।”
डॉ. समूर्णानन्द के अनुसार- ”अन्तर्राष्ट्रीय विधान उन नियमों और प्रथाओं के समूह को कहते हैं जिनके अनुसार सभ्य राज्य एक-दूसरे के साथ प्राय: बर्ताव करते हैं ।”
हाल के अनुसार- ”अन्तर्राष्ट्रीय कानून आचरण के ऐसे नियम हैं जिन्हें वर्तमान सभ्य राज्य एक-दूसरे के साथ व्यवहार में ऐसी शक्ति के साथ बाधित रूप से पालन करने योग्य समझते हैं जिनके साथ सद्विवेकी कर्तव्यपरायण व्यक्ति अपने देश के कानूनों का पालन करते हैं । वे यह भी समझते हैं कि यदि इनका उल्लंघन किया गया तो उपयुक्त साधनों द्वारा उन्हें लागू किया जा सकता है ।”
स्टार्क के अनुसार- ”अन्तर्राष्ट्रीय कानून का यह लक्षण किया जा सकता है कि यह ऐसा कानून समूह है जिसके अधिकांश भाग का निर्माण उन सिद्धान्तों तथा आचरण के नियमों से हुआ है जिनके सम्बन्ध में राज्य यह अनुभव करते हैं कि वे इनका पालन करने के लिए बाध्य हैं ।
Explanation:
(a) अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं तथा संगठनों की कार्यप्रणाली से सम्बन्ध रखने वाले तथा इन संस्थाओं के राज्यों तथा व्यक्तियों से सम्बन्ध रखने वाले कानून के नियम ।
(b) व्यक्तियों से तथा राज्येतर सत्ताओं से सम्बन्ध रखने वाले कानून के नियम ।