अंधेर नगरी' नाटक की मूल संवेदना पर प्रकाश डालो।
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भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित 'अंधेर नगरी' अत्यन्त संक्षिप्त कलेवर का हास्य-व्यंग्य से परिपूर्ण एक नाटक है जिसमें सामाजिक और राजनीतिक परिवेश पर तीखे कटाक्ष किए गए हैं। ये कटाक्ष समय के साथ पुराने नहीं पड़े बल्कि आज की परिस्थितियों में भी अनुकूल और सटीक हैं ।
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भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा रचित 'अंधेर नगरी' अत्यन्त संक्षिप्त कलेवर का हास्य-व्यंग्य से परिपूर्ण एक नाटक है जिसमें सामाजिक और राजनीतिक परिवेश पर तीखे कटाक्ष किए गए हैं। ये कटाक्ष समय के साथ पुराने नहीं पड़े बल्कि आज की परिस्थितियों में भी अनुकूल और सटीक हैं ।
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