History, asked by prashantkumar66, 10 months ago

kis Old womane ne yodha ko hraya tha​

Answers

Answered by joshuaethanhw
0

Answer:english

Explanation:

Answered by wasifthegreat786
1

Answer:

Explanation:

महाभारत प्राचीन काल का सबसे बड़ा युद्ध माना जाता है। इस युद्ध में अनेक शक्तिशाली योद्धाओं ने भी भाग लिया। माना जाता है कि महाभारत के युद्ध में ऐसे-ऐसे महाशक्तिशाली योद्धाओं ने भाग लिया जो अपराजय माने जाते थे। इसके अलावा महाभारत में सबसे शक्तिशाली हथियारों का भी इस्तेमाल किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतने महान योद्धाओं में से सबसे शक्तिशाली योद्धा कौन थे? आगे जानते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांच सबसे शक्तिशाली योद्धा कौन थे।

अर्जुन: महाभारत के युद्ध में शक्तिशाली योद्धा के रूप में अर्जुन को भी जाना जाता है। माना जाता है कि अर्जुन के पास कई अस्त्रों का ज्ञान था। कहते हैं कि जब अर्जुन को चुनाव का मौका दिया गया कि वो कृष्ण की नारायणी सेना को चुने या स्वयं निशस्त्र कृष्ण को तो उन्होंने कृष्ण का चुनाव किया। यह महाभारत का सबसे बड़ा निर्णय था। अर्जुन ने ही कौरवों की आधी से अधिक सेना को मारा। इनमें भीष्म और कर्ण भी शामिल थे।

द्रोणाचार्य: द्रोणाचार्य ने ही दोनों तरफ के सेनाओं को ज्ञान दिया था। इनके पास हर अस्त्र को चलाने का ज्ञान था। इसमें नारायण अस्त्र, पाशुपतास्त्र और ब्रह्मास्त्र भी शामिल है। वैसे तो युद्ध में द्रोणाचार्य को कभी सीधे पराजित नहीं किया जा सकता था। तब श्रीकृष्ण ने भीम से कहकर एक अश्वत्थामा नामक हाथी को मरवा दिया और हर तरफ खबर फैला दी कि अश्वत्थामा मारा गया। यह सुनकर द्रोणाचार्य ने हथियार डाल दिए और तब धृष्टद्युम्न ने छल से द्रोणाचार्य का वध कर दिया।

कर्ण: दानवीर कर्ण को उनके कवच और कुंडल के साथ कभी भी हराया नहीं जा सकता था। कहते हैं कि पहले छल से कर्ण के कवच-कुंडल का त्याग करवाया गया। उसके बाद भी युद्ध में कर्ण से जीतना असंभव था। कहते हैं कि जब कर्ण का रथ एक गड्ढे में फंसा तब छल से अर्जुन ने कर्ण का वध किया। कर्ण को वरदान मिला था कि उसके कवच और कुंडल को दुनिया का कोई भी अस्त-शस्त्र नहीं भेद सकता था। कर्ण ने युद्ध में नकुल, सहदेव, युधिष्ठिर और भीम को भी हराया था। लेकिन उन्हें मारा नहीं क्योंकि कर्ण ने प्रतिज्ञा की थी कि वो सिर्फ अर्जुन को छोड़कर अपने भाइयों को नहीं मारेगा।

भीष्म: महाभारत के युद्ध में भीष्म को हराना असंभव था। भीष्म को वरदान मिला था की उनकी जान उनकी इच्छा के विरुद्ध नहीं ली जा सकती थी। दस दिनों तक युद्ध में पांडव भी समझ चुके थे कि भीष्म को हराना असंभव है। कहते हैं कि भीष्म ने महर्षि परशुराम को भी हराया था। जो कि विष्णु के अवतार थे। तब शिखंडी को आगे कर अर्जुन ने भीष्म पर सैकड़ों बाण दागे। और भीषण तीरों के बिस्तर में फंस गए। तब उनकी अपनी मर्जी से उन्होंने अपनी देह त्याग दिया।

श्रीकृष्ण: महाभारत के सबसे शक्तिशाली योद्धा श्रीकृष्ण थे। माना जाता है कि कृष्ण भगवान विष्णु के अवतार थे। उन्होंने महाभारत के युद्ध में कोई भी हथियार इस्तेमाल नहीं किया था। श्रीकृष्ण सिर्फ अपनी रणनीति से वो इतने महान योद्धाओं को मात दे पाए। कहते हैं कि अगर श्रीकृष्ण हथियार उठा लेते तो सिर्फ अपने सुदर्शन चक्र से करवों की पूरी सेना का विनाश कर देते। क्योंकि कृष्ण के सामने कोई भी योद्धा अमर नहीं था। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपना विराट रूप भी दिखाया था।

Similar questions