Hindi, asked by devendra19899, 6 months ago

अंधकार की गुहार शरीर की उन आंखों में डरता है मन भरा दूर तक उनमें दारू कितने दुख का निरहुआ रोज अंसा प्रसंग सहित व्याख्या​

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Answered by solankiyakshy
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अंधकार की गुहार शरीर की उन आंखों में डरता है मन भरा दूर तक उनमें दारू कितने दुख का निरहुआ रोज अंसा प्रसंग सहित व्याख्या

Answered by riyakushwaha348
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व्याख्या- भारत स्वाधीन तो हो गया पर किसानों की दशा में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया। उनकी दुख दीनता से परिपूर्ण आँखों की ओर देखने से भी मन भयभीत होता है। किसान की आँखें अंधकार से भरी गुफा के समान हैं अर्थात् उनमें प्रकाश की कोई किरण नजर नहीं आती। उनमें अत्यधिक वेदना, दीनता और दुख-पीड़ा का शांत रोदन भरा हुआ है।

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