(अ) उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(स) अच्छी संगति से क्या लाभ होते हैं?
संस्कृति एवं सामहिक चेतना ही हमारे देश का प्राण है। इस नैतिक चेतना
के सत्र से हमारे नगर और माम हमारे प्रदेश और सम्प्रदाय हमारे विभिन्न
वर्ग जातियों आपस में बधी हुई है। जहाँ उनमें और सब तरह की
P.T.O.
Answers
Explanation:
प्रश्न-पत्र में केवल 3 प्रश्न (अ, ब, स) ही पूछे जाएँगे। अतिरिक्त प्रश्न अभ्यास एवं परीक्षोपयोगी दृष्टि से महत्त्वपूर्ण होने के कारण दिए गये हैं।,प्रश्न 1.,निम्नलिखित अवतरणों के आधार पर उनके साथ दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए-,(1) हम लोग ऐसे समय में समाज में प्रवेश करके अपना कार्य आरम्भ करते हैं, जब कि हमारा चित्त कोमल और हर तरह का संस्कार ग्रहण करने योग्य रहता है, हमारे भाव अपरिमार्जित और हमारी प्रवृत्ति अपरिपक्व रहती है। हम लोग कच्ची मिट्टी की मूर्ति के समान रहते हैं, जिसे जो जिस रूप का चाहे, उस रूप का करें-चाहे राक्षस बनावें, चाहे देवता। ऐसे लोगों का साथ करना हमारे लिए बुरा है, जो हमसे अधिक दृढ़ संकल्प के हैं; क्योंकि हमें उनकी हर एक बात बिना विरोध के मान लेनी पड़ती है। पर ऐसे लोगों को साथ करना और बुरा है, जो हमारी ही बात को ऊपर रखते हैं; क्योंकि ऐसी दशा में न तो हमारे ऊपर कोई दबाव रहता है और न हमारे लिए कोई सहारा रहता है। ,(अ) प्रस्तुत गद्यांश का सन्दर्भ लिखिए अथवा गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।