Math, asked by mmanoharparste19, 3 months ago

आँगन में लिए चाँद के टुकड़े को खड़ी
हाथों पे झुलाती है उसे गोद भरी
रह-रहके हवा में जो लोका देती है
गूंज उठती है खिलखिलाते बच्चे की हँसी​

Answers

Answered by srushti33342
3

Answer:

Wow.. so nice

I like this poem too much

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