‘आँसुओं को पोंछ कर अपनी क्षमताओं को पहचान ही जीवन है’, रसास्वादन कीजिए ।
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आँसुओं को पोंछ कर अपनी क्षमताओं को पहचान ही जीवन है’, रसास्वादन कीजिए ।
आँसुओं को पोंछ कर अपनी क्षमताओं को पहचान ही जीवन है| यह पंक्ति हमें जीवन में हमेशा हिम्मत देते है | हमें जीवन में अपने आंसुओं को पोंछ कर हमेशा आगे बढ़ना चाहिए|
हमें अपने अपनी असफलता में ही अपनी सफलता को पहचानना चाहिए|आंसुओं को अपनी कमज़ोरी कभी नहीं बनाना चाहिए| आँसू पहुंच कर हमें आगे बढ़ना चाहिए| आँसू हमें हिम्मत देते है| यह हमें अपनी क्षमताओं को दिखाने की कोशिश करते है|
हब भी हम दुखी होते हम रोते है और रोने से हमारा मन हल्का हो जाता है और उसके बाद हमें हिम्मत मिलती है| हमें अपने आंसुओं को पहचान के आगे बढ़ना चाहिए|
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