Hindi, asked by coolpieSid4961, 11 months ago

Aadikal ke namkaran per prakash dalen

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Answered by bharattiwariepatrika
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हिन्दी साहित्य के इतिहास में लगभग 8वीं शताब्दी से लेकर 14वीं शताब्दी के मध्य तक के काल को आदिकाल कहा जाता है। इस युग को यह नाम डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी से मिला है।

Explanation:

हिन्दी साहित्य इतिहास लेखन में आदिकाल का नामकरण एक विवाद का विषय रहा है। इसके नामकरण और काल विभाजन को लेकर विद्वानों में मतभेद है। विद्वानों ने आदिकाल को आलग-अलग नामों से पुकारा है।

डॉ हजारी प्रसाद द्विवेदी ने इस काल को आदिकाल नाम दिया है। आचार्य रामचंद्र शुक्ल- ने 'वीरगाथा काल' तथा विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इसे 'वीरकाल' तथा  नाम दिया है। समय के आधार पर साहित्य का इतिहास लिखने वाले मिश्र बंधुओं ने इसका नाम प्रारंभिक काल किया और आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने बीजवपन काल, डॉ. रामकुमार वर्मा ने इस काल की प्रमुख प्रवृत्तियों के आधार पर इसको चारण-काल और राहुल संकृत्यायन ने सिद्ध-सामन्त काल नाम दिया ।

केवल आदिकाल के नामकरण को लेकर ही विद्वानों में मतभेद नहीं है, आदिकाल की समय सीमा को लेकर भी विद्वानों में मतभेद हैं। जार्ज ग्रियर्सन ने संवत् 700 से 1444, आचार्य रामचन्द्र शुक्ल संवत् 1050 से 1375 अथवा आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी ने 1000 ई. से 1400 ई. तक के समय को हिन्दी साहित्य का आदिकाल माना है। अधिकतर विद्वानों के विचारों का अध्ययन करने के बाद 10वीं से 14वीं शताब्दी के के बीच रचित रचनाओं और रचनाकारों के सम्पूर्ण हिन्दी साहित्य को हिन्दी साहित्य का आदिकाल कहा जा सकता है।

Answered by ritesh98das
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Answer:

रीतिकाल के नामकरण एवं उसकी पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालिए।

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