आइए विचार करें 3. स्थायी बंदोबस्त के मुख्य पहलुओं का वर्णन कीजिए।
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Answer with Explanation:
स्थाई बंदोबस्त के मुख्य पहलुओं का वर्णन निम्न प्रकार से है :
1793 में , लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा बंगाल में स्थाई बंदोबस्त लागू किया गया। स्थाई बंदोबस्त एक प्रकार का भूमि प्रबंध था इस बंदोबस्त के द्वारा राजाओं तथा तालुकदारों को जमींदारों के रूप में मान्यता मिल गई। उन्हें किसानों से लगान जमा करने और ईस्ट इंडिया कंपनी को राजस्व चुकाने का काम सौंपा गया। राजाओं तथा तालुकदारों की ओर से चुकाई जाने वाली राशि का मूल्य स्थाई रूप से तय कर दिया गया था। आने वाले समय में राजस्व राशि कभी भी बढ़ाई जा सकती थी।
अंग्रेजों को ऐसा लगता था कि इससे उन्हें नियमित रूप से राजस्व के रूप में एक राशि मिलती रहेगी और अंग्रेजों को लगता था कि राज्य की ओर से राजस्व की मांग बढ़ने वाली नहीं थी इसलिए ज़मीदार बढ़ते उत्पादन से फायदे में रहेंगे।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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Answer:
स्थायी बंदोबस्त एक भूमि-प्रबंध था। इसे 1793 में बंगाल में लागू किया गया। इसके अनुसार राजाओं तथा तालुकादारों को जमींदारों के रूप में मान्यता दी गई।उन्हें किसानों से लगान वसूलने और कंपनी को राजस्व चुकाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। उनकी ओर से चुकाई जाने वाली राशि स्थाई रूप से निश्चित कर दी गई थी। इसका अर्थ यह था कि भविष्य में यह राशि कभी भी नहीं बढ़ाई जा सकती है।अंग्रेजों को लगता था कि इससे उन्हें नियमित रूप से राज्स्व मिलता रहेगा और जमीदारों को जमीन में सुधार के लिए खर्च करने का प्रोत्साहन मिलेगा।उन्हें लगता था कि क्योंकि राज्य की ओर से राजस्व की मांग बढ़ने वाली नहीं थी इसलिए जमीदार बढ़ते उत्पादन से लाभ में रहेंगे परंतु स्थाई बंदोबस्त ने समस्या पैदा कर दी।
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