आई/ओ यंत्र क्या हैं? ऐसे यंत्रों के उपयोग की महत्ता क्या है?
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भारत वर्ष संस्कृति प्रधान देश है, सनातन संस्कृति में व्रत और त्यौहारों का विशेष महत्व है। व्रत और त्यौहार नयी प्रेरणा एवं स्फूर्ति का संवहन करते हैं। इससे मानवीय मूल्यों की वृद्धि बनी रहती है और संस्कृति का निरन्तर परिपोषण तथा संरक्षण होता रहता है। भारतीय मनीषियों ने व्रत-व्रर्तों का आयोजन कर व्यक्ति और समाज को पथ भ्रष्ट होने से बचाया है। भारतीय कालगणना के अनुसार चार स्वयं सिद्ध अभिजित् मुहूर्त हैं – चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (गुडीपडवा), आखतीज (अक्षय तृतीया) दशहरा और दीपावती के पूर्व की प्रदोष-तिथि। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया या आखा तृतीया अथवा आखातीज भी कहते हैं।
"आई/ओ यंत्र जो है वो और ऐसे यंत्रों के उपयोग की महत्ता बताया गया है-
• आई/ओ पोर्ट्स इंटेरफस है जिनके माध्यम से कम्प्यूटर बाह्य यंत्र जैसे प्रिंटर,मोडम, जॉयस्टिकस औरर टर्मिनल्स के साथ संप्रेषण करता है। भौतिक रूप से उनमें उनकी बाह्य आकृति, संख्या और सम्पर्क पिन/प्वाइंटबाकी आकृति से अंतर किया जाता है।
• बिभिन्न इंटेरफसो और पोर्टो की सीपीयू से डाटा लाने,ले जाने के लिए संप्रेषण गति और बैंडविथ अलग-अलग होती है।
• परिधीय इनपुट और आउटपुट के द्वरा सीपीयू के साथ संपर्क स्थापन करता है।
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