Hindi, asked by balvindar, 1 year ago

aaj ki bajat kal ki suraksha

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Answered by reddy13868
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जीवन में बचत अथवा संचय का उतना ही महत्व है जितना कि आमदनी का । मनुष्य की आमदनी कितनी ही अधिक हो परंतु यदि उसमें संचय की प्रवृत्ति नहीं है तो उसे समय-समय पर अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है ।

मनुष्य का जीवन विभिन्न उतार-चढ़ावों से परिपूर्ण होता है । सुख और दुख जीवन के अभिन्न अंग हैं । करोड़पति व्यक्ति भी दूसरे पल ही कंगाली की अवस्था में पहुँच सकता है । इन परिस्थितियों में मनुष्य की बचत अथवा संचय की प्रवृत्ति उसे उबारने में विशेष सहायता प्रदान करती है ।

वास्तविक रूप में बचत आमदनी का ही एक रूप है ! थोड़ी सी सावधानी और विवेक से अनेक अनावश्यक खर्चों से बचा जा सकता है तथा उस बचत को विशेष आवश्यकता की स्थिति में प्रयोग में लाया जा सकता है । प्राय: यह सुनने में आता है कि धनी व्यक्ति कंजूस होते हैं । परंतु यदि हम विवेकपूर्ण दृष्टि से देखें तो वे अनेक अनावश्यक खर्चों से बचते हैं । बिना बचत को पूर्ण महत्ता दिए हुए कोई भी व्यक्ति धनवान नहीं बन सकता है ।

Answered by Khushibrainly
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न जाने आ गया है कि वो उसको ईक

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