आज की जीवन- चर्या मे बच्चों में खेलने की रूचि काम क्यों हो रही है write in 80-100 words
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मानव-जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियाँ और तनाव है । लोग विभिन्न प्रकार की चिंताओं से घिरे रहते हैं । खेल-कूद हमें इन परेशानियों, तनावों एवं चिंताओं से मुक्त कर देती है । खेल-कूद को जीवन का आवश्यक अंग मानने वाले जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करने में सक्षम होते हैं ।
संत रामकृष्ण परमहंस का कथन है कि ईश्वर ने संसार की रचना खेल-खेल में की है । अर्थात् परमात्मा को खेल बहुत पसंद है । तो फिर परमात्मा की कृति मनुष्य खेलों से क्यों दूर रहे! खेल खेलकर ही लोग जान सकते हैं कि जीवन एक खेल है । जीवन को बहुत गंभीर और तनावयुक्त नहीं बनाना चाहिए । सभी हँसते-खेलते जिएँ तो संसार की बहुत-सी परेशानियाँ मिट जाएँ । अत: जीवन में खेल-कूद का महत्त्वपूर्ण स्थान होना चाहिए ।
मानव-जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियाँ और तनाव है । लोग विभिन्न प्रकार की चिंताओं से घिरे रहते हैं । खेल-कूद हमें इन परेशानियों, तनावों एवं चिंताओं से मुक्त कर देती है । खेल-कूद को जीवन का आवश्यक अंग मानने वाले जीवन में आने वाली समस्याओं का सामना करने में सक्षम होते हैं ।
संत रामकृष्ण परमहंस का कथन है कि ईश्वर ने संसार की रचना खेल-खेल में की है । अर्थात् परमात्मा को खेल बहुत पसंद है । तो फिर परमात्मा की कृति मनुष्य खेलों से क्यों दूर रहे! खेल खेलकर ही लोग जान सकते हैं कि जीवन एक खेल है । जीवन को बहुत गंभीर और तनावयुक्त नहीं बनाना चाहिए । सभी हँसते-खेलते जिएँ तो संसार की बहुत-सी परेशानियाँ मिट जाएँ । अत: जीवन में खेल-कूद का महत्त्वपूर्ण स्थान होना चाहिए ।
RabbitPanda:
Thnx
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