aajj jangal nirash kyo h.....Vano ka mahatva essay in Hindi
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आज जंगल काफी निराश हैं। क्यों कि पेड़ अधिक संख्या में काटे जाते हैं। और उतने पौधे नहीं उगाए जा रहे हैं। यह तो शायद भारत वासियों के अज्ञान से और उनके अशिक्षित होने से हो रहा है। शायद कुछ लोग अपने भलाई के लिए भी पेड़ काटते हैं। पेड़ों से हमें बहुत सारे चीजें मिलते हैं। कागज, चिपकानेवाली गलऊ जेल , पेंन्सिल , मेज, कुर्सी, पलंग (लकड़ी के) इत्यादी । इस लिए उद्योग व्यापार करने के लिए पेड़ काटते हैं।
इसी कारण से वन देवता दुःखी होती है। हम को वनों की बचाव करना चाहिए। वनों का महत्व बहुत ही खास है हमारे जीवन में । हमें वन का महत्व जान लेना चाहिए। वनों में हरी भरी लंबे मोटे बड़े पेड़ होते है । उनके बीच में जंग्ली जानवर, तरह तरह के मक्खियाँ, कीड़े, और सुंदर सुंदर पक्षी रहते हैं ।
घने और ऊंचे जंगलों से जब मेघ टकराते हैं, तो पानी बरसता है । वन के अंदर के पेड़ मिट्टी को पकड़ के रखते हैं । इसलिए मिट्टी का स्टार नेचे न होता । नहीं तो बरसात के समय पानी के साथ साथ मिट्टी भी बह जाता है । हम सास लेने के बाद नाक से बाहर जो गेस छोड़ते हैं (कार्बन डाइऑक्साइड) , उसे पेड़ अपने अंदर लेते हैं और हमें वापस स्वच्छ हवा (औक्सिजेन भरा) देते हैं । ओक्सिजेन तो हमारा प्राणवायु हैं । अगर पेड़ इस धरती पर न होते तो हम अब तक जीवित न रहते।
वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। बिना वृक्षों के हम जी नहीं सकते । हम वृक्षों को थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा पानी देते हैं। और वे हमें ज़िंदगी के साथ साथ और बहुत कुछ देते हैं । वृक्षों से हमें बहुत लाभ होते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। वृक्ष हमें धूप में छाया (परछाई) मिलती है। बहुत लोग गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठते हैं और सुख पाते हैं ।
वनों से हमें बहुत सारे उत्पादन मिलते हैं । शहद मधु (हनी) , कागज, लकड़ी, काठ, कुछ दवाइयाँ, जानवरों के दांत, उनके चमडे, मिलते हैं ।
पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण में ठंडक पहुँचाते है ।
अगर पेड़ नहीं होते तो हम सोफा में नहीं बैठे होते, पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना। हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं। अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है।
हर दिन हम तो आपिल , नारिंज , केला, अमरूद, कजूर, और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान ने पेड़ों के जरिये हमें दिया।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ, वनों की सुरक्षा करें, लाभ पाएँ और खुश रहें।
इसी कारण से वन देवता दुःखी होती है। हम को वनों की बचाव करना चाहिए। वनों का महत्व बहुत ही खास है हमारे जीवन में । हमें वन का महत्व जान लेना चाहिए। वनों में हरी भरी लंबे मोटे बड़े पेड़ होते है । उनके बीच में जंग्ली जानवर, तरह तरह के मक्खियाँ, कीड़े, और सुंदर सुंदर पक्षी रहते हैं ।
घने और ऊंचे जंगलों से जब मेघ टकराते हैं, तो पानी बरसता है । वन के अंदर के पेड़ मिट्टी को पकड़ के रखते हैं । इसलिए मिट्टी का स्टार नेचे न होता । नहीं तो बरसात के समय पानी के साथ साथ मिट्टी भी बह जाता है । हम सास लेने के बाद नाक से बाहर जो गेस छोड़ते हैं (कार्बन डाइऑक्साइड) , उसे पेड़ अपने अंदर लेते हैं और हमें वापस स्वच्छ हवा (औक्सिजेन भरा) देते हैं । ओक्सिजेन तो हमारा प्राणवायु हैं । अगर पेड़ इस धरती पर न होते तो हम अब तक जीवित न रहते।
वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। बिना वृक्षों के हम जी नहीं सकते । हम वृक्षों को थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा पानी देते हैं। और वे हमें ज़िंदगी के साथ साथ और बहुत कुछ देते हैं । वृक्षों से हमें बहुत लाभ होते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। वृक्ष हमें धूप में छाया (परछाई) मिलती है। बहुत लोग गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठते हैं और सुख पाते हैं ।
वनों से हमें बहुत सारे उत्पादन मिलते हैं । शहद मधु (हनी) , कागज, लकड़ी, काठ, कुछ दवाइयाँ, जानवरों के दांत, उनके चमडे, मिलते हैं ।
पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण में ठंडक पहुँचाते है ।
अगर पेड़ नहीं होते तो हम सोफा में नहीं बैठे होते, पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना। हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं। अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है।
हर दिन हम तो आपिल , नारिंज , केला, अमरूद, कजूर, और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान ने पेड़ों के जरिये हमें दिया।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ, वनों की सुरक्षा करें, लाभ पाएँ और खुश रहें।
kvnmurty:
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