आकाश की ऊंचाइयों को छूता मानव विषय पर अनुच्छेद लिखिए
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आकाश की ऊंचाई को छूना एक प्रकार की कहावत है जिसका अर्थ है कि मानव ने अपने बुद्धि बल द्वारा विज्ञान और अनेक प्रकार की खोजे और अविष्कार करके आकाश को छूने का काम किया है। आज मानव अंतरिक्ष,चांद और उससे भी आगे मंगल ग्रह तक पहुंच चुका है । मानव द्वारा बनाए गए कुछ ज्ञान मानवरहित यान हैं जो सौरमंडल की सीमाओं को भी पार कर चुके हैं और भी अनेक प्रकार के ऊंचे ऊंचे निर्माण मानव द्वारा किए गए हैं जो कि विज्ञान के बिना संभव नहीं थे। दुबई में बुर्ज खलीफा इसी प्रकार की एक इमारत है और विज्ञान के क्षेत्र में मानव द्वारा नई-नई खोजें की जा रही है जो कि मानव के विकास के लिए लाभदायक है और उसके कुछ दुष्परिणाम भी है जो कि प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं । मानव अपनी बुद्धि के द्वारा इतना ज्यादा विकसित हो चुका है कि कहा जा सकता है कि मानव आकाश की ऊंचाइयों को छू रहा है।
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आकाश की ऊंचाई को छूना एक प्रकार की कहावत है जिसका अर्थ है कि मानव ने अपने बुद्धि बल द्वारा विज्ञान और अनेक प्रकार की खोजे और अविष्कार करके आकाश को छूने का काम किया है। आज मानव अंतरिक्ष, चांद और उससे भी आगे मंगल ग्रह तक पहुंच चुका है । मानव द्वारा बनाए गए कुछ ज्ञान मानवरहित यान हैं जो सौरमंडल की सीमाओं को भी पार कर चुके हैं और भी अनेक प्रकार के ऊंचे ऊंचे निर्माण मानव द्वारा किए गए हैं जो कि विज्ञान के बिना संभव नहीं थे। दुबई में बुर्ज खलीफा इसी प्रकार की एक इमारत है और विज्ञान के क्षेत्र में मानव द्वारा नई-नई खोजें की जा रही है जो कि मानव के विकास के लिए लाभदायक है और उसके कुछ दुष्परिणाम भी है जो कि प्रकृति को नुकसान पहुंचा रहे हैं । मानव अपनी बुद्धि के द्वारा इतना ज्यादा विकसित हो चुका है कि कहा जा सकता है कि मानव आकाश की ऊंचाइयों को छू रहा है।
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