Hindi, asked by np933025, 10 months ago

आख्यानपरक लेखन के प्रमुख चरणों का परिचय दीजिए​

Answers

Answered by divya738457
1

Answer:

संतोष अर्श कविताएँ लिखते हैं, इधर उनके कुछ आलोचनात्मक लेखों ने भी ध्यान खींचा है.

प्रसिद्ध कथाकार उदय प्रकाश की कहानियों की संरचना में विन्यस्त वैचारिकी, संवेदना और शिल्प पर विस्तार से इस आलेख में उन्होंने अपनी बात रखी है.

उदय प्रकाश का आज जन्म दिन भी है. मुबारकबाद.

नए वर्ष का स्वागत, आप सबको शुभकामनाएँ.

उम्मीद है समालोचन के साथ आप सबकी यह यात्रा रचनात्मक और सार्थक रहेगी.

उदय प्रकाश का कथा-साहित्य: विचार और संवेदना

संतोष अर्श

‘असल में जब इतिहास में स्वप्न, यथार्थ में कल्पना, तथ्य में फैंटेसी और अतीत में भविष्य को मिलाया जाता है तो आख्यान में लीला शुरू होती है और एक ऐसी माया का जन्म होता है, जिसका साक्षात्कार सत्य की खोज की ओर एक यात्रा ही है. इसीलिए हर लीला और प्रत्येक माया उतनी ही सच होती है जितना स्वयं इतिहास.’

: उदय प्रकाश

उदय प्रकाश का कथा-साहित्य जितना संश्लिष्ट है उतना ही विचारोत्तेजक भी है. समकालीन हिन्दी-कथा-साहित्य में उदय प्रकाश का आविर्भाव एक परिवर्तनकारी घटना है. उन्होंने शिल्प तथा भाषा-शैली के स्तरों पर अपने आपको बेजोड़ तो साबित किया ही साथ ही साथ उनके साहित्य का वैचारिक और संवेदनात्मक रूप विरल और नए प्रतिमानों को स्थापित करने वाला है. उन्होंने अपने समय की नब्ज़ को बहुत ही बारीक़ी से देख-सुन-अनुभव कर समझा और अपने गतिशील रचना-कर्म से उसे गढ़ा है. उनकी रचनाधर्मिता हिंदी कथा-साहित्य के लिए वरदान सिद्ध हुई. उनका कथा-साहित्य हिन्दी कथा-साहित्य की परंपरा में आधिकारिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है. पिछले दो-तीन दशकों में दुनिया में जो परिवर्तन हुए उनकी गति इतनी अधिक थी कि साहित्य को उसके साथ दौड़ पाने में बहुत मुश्किल हुई और वह पीछे छूट गया. केवल साहित्य ही नहीं परिवर्तन की इस गति के परस्पर न चल पाने के कारण बहुत सारे नैतिक, सांस्कृतिक मूल्य भी पीछे छूट गए. इस आँधी में समाज की चूलें हिल गईं और उसका रूढ़ ढाँचा छिन्न-भिन्न हो गया. इन हालातों में हिंदी कथा-साहित्य के सामने जो चुनौतियाँ आईं वे पिछले समय की अपेक्षा अधिक कड़ी थीं. बीसवीं शताब्दी का अंतिम दशक इस संबंध में अत्यंत महत्वपूर्ण था. समकालीन कहानी की चुनौतियों व उसके गतिरोध के संदर्भ में शंभु गुप्त लिखते हैं-

“अकहानी और समांतर नाम के कहानी-आंदोलनों में अनेकानेक नाम ऐसे थे जो उस समय बड़ी प्रमुखता से उछले थे और जिन्होंने सारे आकाश को छा दिया था; आज उन नामों का कहीं कोई अता-पता नहीं है. कौन काल के किस गाल में समा गया, पता नहीं ! गतिरोध उनको खा गया. वे पुनर्यौवन न प्राप्त कर सके. अतः गतिरोध की समस्या कोई मामूली समस्या नहीं है. यह लेखक की न केवल प्रतिभा या लेखकीय क्षमता से जुड़ी हुई है बल्कि प्रकारांतर से यह उसकी जीवन-दृष्टि (विज़न) और उसके व्यक्तिगत जीवन-व्यवहार से भी गहरे सम्बद्ध होती है. दिल्ली में ऐसे अनेकानेक लेखक हैं जो शुरू-शुरू में बड़ी तेज़ी से उभरकर सामने आए लेकिन बाद में या तो, उनकी शक्ति चुक गई या फिर उन्हें मीडिया खा गया या फिर दिल्ली उन्हें चट कर गई ! तो, गतिरोध की समस्या इस तरह बहुआयामी और बहुस्तरीय है. गतिरोध के संदर्भ में बात करना इसलिए और भी ज़रूरी है कि ऐसा अधिकतर कहानीकारों के साथ ही होता है.”1

उदय प्रकाश ने इस गतिरोध को परे हटाते हुए हिन्दी-कहानी को गत्यात्मकता प्रदान की. उन्होंने अपने सामाजिक, आर्थिक और ऐतिहासिक यथार्थबोध को अपनी कहानियों में फलीभूत किया जिसने हिन्दी कहानी के मेयार को और बुलंद किया तथा उसे सार्वभौमिकता प्रदान की.

Answered by dackpower
5

आख्यानपरक लेखन के प्रमुख चरणों का परिचय

Explanation:

कथात्मक संरचना, जिसे एक कथानक या कथानक के रूप में भी जाना जाता है, एक कहानी को कैसे बताता है, इसकी रूपरेखा का वर्णन करता है। यह बताया गया है कि कैसे एक पुस्तक का आयोजन किया जाता है और कैसे पाठक के लिए कथानक का अनावरण किया जाता है।

इस परिभाषित सवाल का जवाब देने की कोशिश में आने वाली घटनाओं की श्रृंखला आपकी कथा संरचना का निर्माण करती है।

विभिन्न घटक एक कथा संरचना के निर्माण के लिए एक साथ काम करते हैं, लेकिन यह ज्यादातर आपके कथानक और आपके मुख्य चरित्र (नों) के विकास पर केंद्रित होता है।

वर्णनात्मक संरचना के प्रकार

रैखिक / कालानुक्रमिक: जब लेखक कालानुक्रमिक क्रम में एक कहानी कहता है। इस संरचना में फ्लैशबैक शामिल हो सकते हैं, लेकिन अधिकांश आख्यान उस क्रम में बताया गया है जो कि होता है। अधिकांश पुस्तकें इस कथा संरचना के अंतर्गत आती हैं।

नॉनलाइनर / फ्रैक्चर्ड: एक नॉनलाइनर संरचना कालानुक्रमिक क्रम से बाहर की कहानी बताती है, जो समय के माध्यम से निराशाजनक रूप से कूदती है। डेविड मिचेल के क्लाउड एटलस इस कथा संरचना का एक उदाहरण है, क्योंकि यह समय में विभिन्न बिंदुओं पर कई पात्रों के बीच स्विच करता है।

वृत्ताकार: एक वृत्तांत कथा में, कहानी वहीं समाप्त होती है जहां से शुरू हुई थी। हालांकि शुरुआती और समाप्ति बिंदु समान हैं, चरित्र एक परिवर्तन से गुजरता है, कहानी की घटनाओं से प्रभावित होता है

Learn More

वर्णनात्मक और आख्यानपरक लेखन पर प्रकाश डालिए

https://brainly.in/question/7775256

Similar questions