आम जीवन में से एक उदाहरण दीजिए जिसमें केवल प्रतिचयन विधी का ही उपयोग हो सकता हैं
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एक सांख्यिकीय जांच में, शोधकर्ता कि दिलचस्पी आमतौर पर, एक समूह से संबंधित व्यक्तियों का, एक या एक से अधिक विशेषताओं के संबंध में भिन्नता, के अध्ययन में निहित होता है। अध्ययन के तहत व्यक्तियों के इस समूह को आबादी कहा जाता है। जनसंख्या परिमित या अनंत हो सकता है। यह स्पष्ट है कि किसी भी सांख्यिकीय जांच के लिए पूरी जनसंख्या का गणन असंभव है। उदाहरण के लिए, अगर हम भारत के प्रति व्यक्ति औसत आय का एक आकलन करना चाहते हैं, तो हमे देश के सभी कमाने वाले व्यक्तियों कि गणना करनी होगी, जो असम्भव है।
आबादी और प्रतिदर्श
एक बड़ी आबादी या एक समूह से प्रतिनिधि प्रतिदर्श को प्राप्त करने की विधि को प्रतिचयन (सैम्पलिंग) कहा जाता है। प्रतिचयन कि पद्धति, विश्लेषण के प्रकार पर निर्भर करती है। प्रतिनिधि प्रतिदर्श के इकाइयों की कुल संख्या को प्रतिदर्श समष्टि कहा जाता है।
एक सांख्यिकीय जांच में, शोधकर्ता कि दिलचस्पी आमतौर पर, एक समूह से संबंधित व्यक्तियों का, एक या एक से अधिक विशेषताओं के संबंध में भिन्नता, के अध्ययन में निहित होता है। अध्ययन के तहत व्यक्तियों के इस समूह को आबादी कहा जाता है। जनसंख्या परिमित या अनंत हो सकता है। यह स्पष्ट है कि किसी भी सांख्यिकीय जांच के लिए पूरी जनसंख्या का गणन असंभव है। उदाहरण के लिए, अगर हम भारत के प्रति व्यक्ति औसत आय का एक आकलन करना चाहते हैं, तो हमे देश के सभी कमाने वाले व्यक्तियों कि गणना करनी होगी, जो असम्भव है।एक बड़ी आबादी या एक समूह से प्रतिनिधि प्रतिदर्श को प्राप्त करने की विधि को प्रतिचयन (सैम्पलिंग) कहा जाता है। प्रतिचयन कि पद्धति, विश्लेषण के प्रकार पर निर्भर करती है। प्रतिनिधि प्रतिदर्श के इकाइयों की कुल संख्या को प्रतिदर्श समष्टि कहा जाता है।
प्रतिदर्श पूरी आबादी का प्रतिनिधित्व होना चाहिए। जब एक बड़ी आबादी से प्रतिदर्श चुना जाता है, यह विचार करना आवशयक है कि किस प्रकार यह चुनाव किया जा रहा है। एक प्रतिनिधि प्रतिदर्श प्राप्त करने के लिए, प्रतिदर्श बेतरतीब ढंग से चुना जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, एक विश्वविद्यालय के छात्रों की औसत उम्र का निर्धारण करने के लिए, 10% छात्रों का प्रतिचयन, लॉटरी प्रणाली का इस्तेमाल करके किया जा सकता है। इससे छात्रों कि अबादी का एक भली-भाँति प्रतिनिधित्व मिलेगा और छात्रों की औसत उम्र का अनुमानित आँकड़ा प्राप्त होगा।
1.सोद्देश्य प्रतिचयन
2. सरल यादृच्छिक प्रतिचयन
3. स्तरीकृत प्रतिचयन
4. व्यवस्थित यादृच्छिक प्रतिचयन