Aap apne Pitaji ke paas ek Patra likhiye jismein aapke dincharya ka varnan Kiya Gaya
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Answer: स्थान………………….
दिनांक………………..
श्रद्धेय पिताजी,
मैं यहाँ अच्छी तरह से हूँ और आपकी कुशलता की आशा करता हूँ। अब मैं अपने अध्ययन पर बहुत अधिक ध्यान केन्द्रित कर रहा हूँ। हमारी परीक्षा निकट है, अतः मैं एक क्षण भी नष्ट नहीं करता हूँ। मैं प्रतिदिन छः घण्टे पढ़ाई पर लगाता हूँ।
कभी-कभी मैं पढ़ते-पढ़ते अत्यधिक थक जाता हूँ। तब थकान दूर करने की बात मन मंे आती है। शाम को ऊब मिटाने और थोड़े से मनबहलाव की इच्छा भी होती है।
पिताजी, अनुरोध है कि मेरे जेबखर्च में थोड़ी वृद्वि कर दें। मैं अपने आराम और मनोरंजन पर कुछ अधिक व्यव करना चाहता हूँ। आप रूपया सीधे वार्डन के पास भेज देते है। वार्डन से मुझे जेबखर्च के लिए एक निश्चित परन्तु अल्प धनराशि मिलती है। कई बार अपने घनिष्ट मित्रों की संगति में धनाभाव के कारण मुझे लज्जित होना पड़ता है। अःत कृप्या आने वाले चार माह के लिए इसे दुगुना कर दीजिए। मैं माँ को भी अपनी सिफारिश के लिए अलग से पत्र लिख रहा हूँ। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि एक पैसा भी व्यर्थ नहीं करूँगा।
माँ को मेरा प्रणाम और छोटे भाई-बहन को प्यार।
आपका प्रिय पुत्र,