आप इस विद्यालय में आने से पूर्ब छात्रावास मे राहतें थे।इस जीवन व छात्रावास के जीवन का अंतर स्पस्ट करते हुए तथा अपनी पसंद बताते हुए अपने चचेरे भाई को पत्र लिखे
Answers
35, सिविल लाइन,
आगरा, उत्तर प्रदेश
प्रिय भाई रमन,
स्नेह
तुम्हारा पत्र मिला। पढ़कर प्रसन्नता हुई। मैं यहां अपने नगर आगरा में वापस आ गया हूँ और मुझे आगरा के नवनिर्मित डिग्री कालेज में एम. एस. सी. प्रथम वर्ष में प्रवेश भी मिल गया है। अब मेरे लिये काफी सुविधा हो गयी कि मैं अपने घर पर रहकर भी पढ़ाई कर सकता हूँ।
लखनऊ में पिछले तीन वर्ष मैंने छात्रावास में रहकर गुजारे। क्योंकि तब हमारे शहर के डिग्री कालेज में विज्ञान संकाय में पढ़ाई की व्यवस्था नही थी केवल वाणिज्य संकाय और कला संकाय में अध्यययन की व्यवस्था थी। चूंकि मुझे विज्ञान विषय में पढ़ाई की करनी थी अतः मुझे अध्ययन के लिये लखनऊ जाना पड़ा। अब हमारे शहर के लोगों के प्रयास से हमारे शहर में ही विज्ञान में स्नातक और स्नाकोत्तर विद्यालय खुल गया है तो मैंने आगे की पढ़ाई अपने शहर में ही करने का निश्चय किया।
मैं छात्रावास की अत्यन्त अनुशासित और सख्त जीवन शैली से ऊब चुका था। छात्रवास के वार्डन कभी-कभी अत्याधिक ज्यादती कर जाते थे और हम छात्रों पर अनावश्यक अंकुश लगाने का प्रयत्न करते थे। छात्रावास में मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता भीअच्छी नही थी। हालांकि छात्रावास का वातावरण शान्त था और पढ़ाई में कोई व्यवधान नही था। पर जब अपना कोई मित्र या परिचित मुझसे मिलने बाहर आता तो गार्ड और वार्डन अनावश्यक और असहज सवाल करते थे तो बुरा लगता था। कुल मिलाकर छात्रवास की जीवन मिला-जुला था।
अब यहां नये विद्यालय में प्रवेश मिल गया है और विद्यालय की इमारत बहुत बड़ी है। सारी आधुनिक सुविधायें हैं। मेरे घर से ज्यादा दूर भी नही है। अब में अपने घर में माता-पिता और बहन के साथ खुश रहता हूँ। मेरा अपना अलग कमरा है जहां मेरी पढाई में कोई डिस्टर्ब नही करता है। मेरी माँ मेरे खान-पान का पूर्ण ध्यान रखती है और मेरी छोटी बहन मेरे छोटे मोटे कार्य कर देती है जिससे मेरे काफी समय की बचत होती है और मैं अपनी पढ़ाई पर ज्यादा समय दे पाता हूँ। अपने रिश्तेदारों और मित्रों से संपर्क में रहने के कारण मन प्रफुल्लित रहता है और अकेलापन नही महसूस होता जैसा कि हॉस्टल में महसूस होता था।
तुम अपनी सुनाओ। तुम्हारे दिल्ली शहर में तो बहुत अच्छे-अच्छे विद्यालय हैं और तुम्हारी बी. एस. सी. अंतिम वर्ष की पढ़ाई कैसी चल रही है? पत्र में अपने बारे में लिखना।
चाचा-चाची को चरण स्पर्श कहना और तुम्हे ढेर सारा स्नेह।
तुम्हारा
भाई
नकुल
आप इस विद्यालय में आने से पूर्ब छात्रावास मे राहतें थे।इस जीवन व छात्रावास के जीवन का अंतर स्पस्ट करते हुए तथा अपनी पसंद बताते हुए अपने चचेरे भाई को पत्र लिखे |
Answer:
न्यू शिमला सेक्टर-1
शिमला
171001
नमस्ते भिया ,
नमस्ते भिया , आशा करता हूँ आप सब भी ठीक होंगे | मैं इस पत्र के माध्यम से अपनी कुछ बाते आपको बताना चाहता हूँ | पहले में छात्रावास में रहता था और जब से मैंने अब नए विद्यालय में दाखिला लिया है सब अलग लगता है | छात्रावास में सब अच्छे से समय पर करने की आदत बन गई थी | छात्रावास में अनुशासन के अनुसार होता था | यह वाला जीवन मुझे ज्यादा अच्छा लगता था | अब नए विद्यालय में पहले जैसा आनन्द नहीं आता| घर से जाओ अपनी मर्ज़ी से आओ और जाओ कोई अनुशासन नहीं है | वहां छात्रावास में सभी कामों ले लिए समय -सारणी बनी होती थी ओर काम करना पड़ता था | मुझे छात्रावास वाले जीवन में ज्यादा अच्छी लगती है | ठीक है भिया अपना ध्यान रखना अब बाकी मिलकर बताऊंगा |
आपका भाई
मिंटू |