आप मूल पाठ में जान चुके हैं कि हाइगेंस का सिद्धांत परावर्तन और अपवर्तन के नियमों के लिए किस प्रकार मार्गदर्शक है। इसी सिद्धांत का उपयोग करके प्रत्यक्ष रीति से निगमन (deduce) कीजिए कि समतल दर्पण के सामने रखी किसी वस्तु का प्रतिबिंब आभासी बनता है, जिसकी दर्पण से दूरी, बिंब से दर्पण की दूरी के बराबर होती है।
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हाइगेन्स-फ्रेसनेल सिद्धान्त (Huygens–Fresnel principle) तरंग गति के विश्लेषण से सम्बन्धित एक विधि है जो निकट-क्षेत्र विवर्तन तथा दूर-क्षेत्र विवर्तन दोनों के विश्लेषण में सहायता करता है।
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O वस्तु को MO दर्पण के सामने कुछ दूरी r पर रखा जाए |
केंद्र (O) से एक वृत्त को एसे खींचा जाता है, जिससे वह बिंदु O पर समतल दर्पण को स्पर्श करे । हाइगेंस के सिद्धांत के अनुसार, XY आपात किरण की तरंग है। यदि दर्पण अनुपस्थित है, तो एक समान आपात किरण X'Y '(XY के रूप में) दूरी r (जैसा कि दिए गए चित्र में दिखाया गया है) के पीछे O होगा।
समतल दर्पण के लिए X’Y’ को एक आभासी परावर्तित किरण माना जा सकता है। इसलिए, समतल दर्पण के सामने रखी एक बिंदु वस्तु भी एक आभासी प्रतिबिंब का निर्माण करती है, जिसकी दर्पण से दूरी वस्तु की दूरी (r) के बराबर होती है।
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