ध्वनि तरंगों में आवृत्ति विस्थापन के लिए डॉप्लर का सूत्र निम्नलिखित दो स्थितियों में थोड़ा-सा भिन्न है : (i) स्रोत विरामावस्था में तथा प्रेक्षक गति में हो, तथा (ii) स्रोत गति में परंतु प्रेक्षक विरामावस्था में हो। जबकि प्रकाश के लिए डॉप्लर के सूत्र निश्चित रूप से निर्वात में, इन दोनों स्थितियों में एकसमान हैं। ऐसा क्यों है? स्पष्ट कीजिए। क्या आप समझते हैं कि ये सूत्र किसी माध्यम में प्रकाश गमन के लिए भी दोनों स्थितियों में पूर्णत: एकसमान होंगे?
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ध्वनि तरंगों को संचरण के लिए एक भौतिक माध्यम की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि स्थिति (i) और (ii) भौतिक रूप से समान नहीं हैं, हालांकि स्रोत और प्रेक्षक के बीच दो मामलों में समान चाल है। माध्यम के सापेक्ष प्रेक्षक की सापेक्ष चाल दो स्थितियों में भिन्न होती है। यही कारण है कि ध्वनि के लिए डॉप्लर के सूत्र दो मामलों में भिन्न हैं।
निर्वात में आगे बढ़ने वाले प्रकाश तरंगों के लिए, दो स्थितियों के बीच अंतर करने के लिए कुछ भी नहीं है। इसीलिए सूत्र सख्ती से मिलते-जुलते हैं।
एक माध्यम में प्रकाश के संचरण के लिए, परिस्थितियां (i) और (ii) समान नहीं हैं। दो स्थितियों को नियंत्रित करने वाले सूत्र स्पष्ट रूप से भिन्न होंगे।
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