आपकी 8 वर्ष पहनकर 3 दिनों से लापता गुमशुदा लड़की का पता बताने वाले को ₹50000 का पुरस्कार दिया जाएगा इस संबंध में एक सूचना तैयार कीजिए
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सनी चौधरी, टीएचए
बच्चों के लापता होने या अपहरण के मामले की जांच पुलिस गंभीरता से करे तो उन्हें कुछ ही घंटों में खोजा जा सकता है। पुलिस की लचर कार्य प्रणाली के चलते शुरुआती 15 से 30 घंटे तक इस तरह के मामले को गंभीरता से नहीं लिया जाता। यहीं कारण है कि इस दौरान क्राइम ऑफ सीन (घर छोड़ने का सही कारण या समय) के साथ बच्चा भी घर से दूर निकल जाता है। गुम हो रहे बच्चे पार्ट-2 में एनबीटी रिपोर्टर ने पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर पड़ताल की। पड़ताल के दौरान कई ऐसे पॉइंट्स का पता चला, जिसे समय रहते पुलिस करे तो बच्चे के लापता होने के कुछ घंटों में ही उसे बरामद किया जा सकता है।
कई बार मौके पर नहीं पहुंचती पुलिस
किसी भी थाना क्षेत्र से बच्चे के लापता या किडनैप होने की स्थिति में पीड़ित स्थानीय पुलिस या कंट्रोल रूम को फोन कर घटना की जानकारी देता है। अधिकांश मामलों में पुलिस मौके पर नहीं पहुंचती। पीड़ित खुद स्वयं ही थाने या चौकी पहुंचते हैं और शिकायत देते है। इस दौरान पुलिस शिकायतकर्ता से बच्चे के 4 अगल-अलग साइज के 56 फोटो लेती है। अगर पीड़ित आलाधिकारियों के आदेश पर थाने पहुंचा है तो उसकी रिपोर्ट तुरंत दर्ज कर लेती है। अगर पीड़ित खुद ही सीधे थाने पहुंचता है तो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के नाम पर उसे पुलिस को हजारों रुपये पोस्टर और पैंफ्लेट छपवाने के नाम के देने होते हैं।
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Varnan.......
Meri bhen ka name TINA h
vaha 8 varsh ki h
Usne pili Froke pehni h jispr gulabi rang ke . H
Uska rang gora h
Usne Gulabi rang ke jute pehne h
Uske balo me hair band laga h
Hamara Pata —Shastri nagar , sanganer
Pita ka name —Govind sharama
Mata ka name — Mina Sharma