आपके अनुसार जीवन में यात्रा करने का क्या महत्व है?
Answers
प्रस्तावना :
चुनौतियां जीवन का एक हिस्सा हैं। हम जीवन में विभिन्न बिंदुओं पर विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हैं। जबकि कुछ लोग इन चुनौतियों को कुछ नया सीखने के अवसर के रूप में देखते हैं और दूसरों से निराश हो जाते हैं। हम कई नई चीजें सीखते हैं जैसे हम विभिन्न चुनौतियों पर लेते हैं। ये अनुभव हमें एक बेहतर इंसान बनाते हैं। हम लक्ष्य निर्धारित करके कई चुनौतियों को पार कर सकते हैं। लक्ष्य हमें बाधाओं के बावजूद हासिल करने का दृढ़ संकल्प देते हैं।
चुनौतियों से निपटना :
चुनौतियों के लिए हमें अपने आराम क्षेत्र से बाहर निकलने की आवश्यकता है। इनसे निपटना मुश्किल हो सकता है। हालाँकि, हमें उनके साथ साहस और दृढ़ता के साथ पेश आना चाहिए। जीवन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
शांत रहो :
कोई फर्क नहीं पड़ता कि स्थिति क्या है हम इसे शांति से निपटना चाहिए। हम एक समाधान के बारे में सोचने और उस पर कार्य करने में सक्षम होंगे, जब हम शांत रहेंगे। यदि हम इसके बारे में लगातार तनाव लेते हैं तो हम बुद्धिमानी से काम नहीं कर पाएंगे।
दृढ़ निश्चयी रहें :
स्थिति कितनी भी कठिन क्यों न हो, कुंजी का दृढ़ रहना और चलते रहना है। हमें आधा रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए।
परिवार और दोस्तों से मदद लें :
जरूरत पड़ने पर परिवार और दोस्तों से मदद लेने में कोई बुराई नहीं है। हालाँकि, हमें उन पर पूरी तरह निर्भर नहीं होना चाहिए।
जीवन को उद्देश्य दो :
जीवन में लक्ष्य निर्धारित करना महत्वपूर्ण है। हमें अपने व्यक्तिगत के साथ-साथ पेशेवर जीवन के लिए दीर्घकालिक और अल्पकालिक दोनों लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए।
लक्ष्य हमारे जीवन को उद्देश्य देते हैं। लक्ष्य निर्धारित करने के लिए, हमें पहले समझना चाहिए कि हम जीवन में क्या चाहते हैं और फिर इसे प्राप्त करने के लिए एक योजना बनाएं। हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हमेशा एक समय सीमा तय करनी चाहिए।
Explanation:
प्रस्तावना– पुस्तकों में हम मात्र दूसरों के विचारों, अनुभवों को पढ़ते हैं। इस प्रकार उपार्जित ज्ञान लिखित रूप में होता है। हम सिर्फ लिखित ज्ञान से जीवन में सफल नहीं हो सकते। हमें अन्य व्यक्तियों की आदतों और उनके रहने के ढंगों को जानना चाहिए और ऐसा सिर्फ याता द्वारा ही संभव है। यात्रा हमें किताबी ज्ञान से व्यावहारिक ज्ञान पर लाती है। हम यात्रा द्वारा कल्पना से निकलकर वास्तविकता में आते हैं। यात्रा हमारे जीवन की नीरसता को दूर करती है। इस प्रकार यात्रा का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। पर्यटन की अनेक विशेषताएँ हैं उनमें से कुछ निम्न प्रकार हैं
सँकरा दृष्टिकोण- यदि कोई व्यक्ति घर से बाहर नहीं जाता है तो उसका दृष्टिकोण बहुत सँकरा होता है। वह सबसे अच्छा रहने के लिए स्वयंके मार्ग का अनुभव करता है। वह मानव के जीवन पर पर्यावरण के पड़ने वाले प्रभाव को समझने में असमर्थ होता है लेकिन एक गुणी यात्री विभिन्न लोगों के जीवन में स्वयं को देखता है। वह उनके रीति-रिवाजों से पर्यावरण पर पडने वाले प्रभाव से स्वयं को परखता है। ठण्डे प्रदेशों में रहने वाले लोग क्यों माँस खाते और शराब पीते हैं ? जब वह इनके सम्पर्क में आता है तो वह सीखता है कि हल्की सी ठण्ड माँस खाने को और शराब पीने को आवश्यक बनाती है। वह आसानी से अन्यों का दृष्टिकोण समझ सकता है। यात्रा द्वारा मानसिक दृष्टिकोण खुलता है।
अनेक कठिनाईयाँ- जब व्यक्ति अपने घर से दूर होता है तो उसके समक्ष अनेक कठिनाई आती हैं। कभी-कभी वह रहने के लिए सुविधाजनक स्थान भी नहीं ढूँढ़ पाता है। कभी-कभी बाजार में उसके स्वादानुसार भोजन उपलब्ध नहीं होता है। किसी अवसर पर वह व्यक्तियों से मिलता है तो उनकी भाषा समझ पाने में असमर्थ रहता है। वह नि:सहाय अनुभव करता है उसके उसके सारे रुपये खर्च हो चुके होते हैं तो वह स्वयं को बड़ी कठिनाई में पाता है। जब वह ऐसी समस्याओं का सामना करता है तो फिर उसका व्यावहारिक ज्ञान काम आता है। वह प्रत्येक नयी कठिनाई का हल ढूंढ़ निकालता है। यह अध्ययन पुस्तकों के अध्ययन से अधिक मूल्यवान होता है।
यात्रा और शिक्षा- शिक्षा वही अच्छी होती हैं जिसे पढ़कर मनुष्य स्थिति अनुसार सामंजस्य स्थापित करे। हम इस योग्यता को पुस्तक से प्राप्त नहीं कर सकते जबकि यात्रा से प्राप्त कर सकते हैं। हमें अपनी समस्याओं का सामना करना आना चाहिए। हमें स्वयं को नवीन स्थितियों में डालना आना चाहिए। यात्रा हमें अनेक समस्याओं का सामना करना सिखाती है। यात्रा द्वारा हम नवीन स्थितियों से सामंजस्य स्थापित करना सीखते हैं। यह यात्रा की सबसे महान विशेषता है।
सावधान रहो- यात्री को हमेशा सतर्क रहना चाहिए जब भी वह अपनी यात्रा पर हो। उसे अपनी इच्छाओं का त्याग करना चाहिए। हमें अन्य से वही विशेषताएँ ग्रहण करनी चाहिए जो कि अच्छी हैं। उसे अपने अनुभवों को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत नहीं करना चाहिए। उसे अपने अनुभव को वास्तविकता के आधार पर बताना चाहिए। यात्रा युवाओं के लिए जितनी आवश्यक है उतनी ही वृद्धों के लिए उपयोगी है।
उपसंहार– पर्यटन में वृद्धि करने के लिए सरकार ने पर्यटन पर 1986 में राष्ट्रीय कमेटी का निर्माण किया। इस कमेटी ने पर्यटन से सम्बन्धित अनेक अध्ययनों का विकास किया। इस कमेटी ने पर्यटन से सम्बन्धित सूचना 1988 में सरकार को दी। इस सूचना में बताया गया कि पर्यटन में वृद्धि करने के लिए सभी राज्यों का योगदान आवश्यक है। मई 1992 में सरकार ने पर्यटन पर महत्वपूर्ण वृद्धि प्राप्त की। पर्यटन द्वारा भारत में विदेशी विनिमय का आगमन हुआ। अनेक प्रयत्न के बाद, पर्यटन उद्योग तीसरा सबसे बड़ा निर्यात उद्योग बन चुका है।
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