आपके जीवन में आपके अध्यापक का क्या महत्व है । इस विषय पर एक पत्र अपने माता-पिता को लिखिए ।
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Publish Date:Tue, 27 Sep 2016 05:48 PM (IST)
बच्चों में जीवन जीने के सलीके में बहुत बदलाव आ गया है। आज का नागरिक अपना जीवन अपने अंदाज में व्यत
बच्चों में जीवन जीने के सलीके में बहुत बदलाव आ गया है। आज का नागरिक अपना जीवन अपने अंदाज में व्यतीत करना चाहता है। इसमें किसी का हस्तक्षेप करना उसे बिल्कुल पसंद नहीं है। इस जीवन जीने की कला में वह अपनी जिम्मेदारियों से बचने का भी प्रयास कर रहा है। इसका प्रतिकूल प्रभाव परिवार और समाज पर पड़ रहा है। हमें विशेषकर अभिभावकों ओर शिक्षकों का मार्गदर्शन बच्चों के जीवन जीने की शैली को बहुत हद तक प्रभावित करता है। हमें उनकी भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाते हुए परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति उनके दायित्वों के प्रति भी जागरूक करना होगा। ऐसा नहीं करते हैं तो युवा पीढ़ी अपने जीवन और उनके दायित्वों के बारे में जिम्मेदार नहीं हो पाएंगे।
Explanation:
mark me the brainliest
सेक्टर 15,
करनाल ( हरियाणा)
प्रिय पिताजी
सप्रेम नमस्ते,
मैं आशा करता हूं कि आप सब घर पर ठीक होंगे। आजकल विद्यार्थियों के मान सम्मान का कोई मतलब भी नहीं है। वे चलते चलते ही किसी को कुछ भी कह जाते हैं। और जो उन्हें अच्छी शिक्षा देता है, उन्हें वह और भी ज्यादा सुनाने लगते हैं।
ऐसे में अध्यापक की बहुत सी जिम्मेदारियां होती है। बच्चों को माता-पिता और अध्यापक ही अच्छी शिक्षा देते हैं। गुरु का दर्जा भगवान से और मां बाप से ऊंचा माना गया है। परंतु अध्यापक का कोई सम्मान करता ही नहीं है। मेरी कक्षा में एक दो लड़कों को छोड़कर कोई भी हमारे अध्यापक की बात को नहीं सुनता है। मैं अपने अध्यापक का सम्मान करता हूं और हमेशा करता रहूंगा। आप यहां की चिंता मत कीजिए। आप निश्चिंत रहिए।
मेरी तरफ से मां को प्यार कहिएगा।
आपका प्रिय पुत्र,
विजय