Hindi, asked by s1319, 5 days ago

आपके शहर में बहुत ठंड पड़ रही है लेकिन सरकार द्वारा गरीबों के इस बात का जिलाधिकारी को लिए कोई व्यवस्था व्यवस्था नहीं की ध्यान दिलाते हुए अपने जिले के पत्र लिखिए, जा रही​

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Answered by r27272278
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सर्दी की रातें गरीबों के लिए बहुत भारी पड़ती हैं। उन्हे तलाश रहती है किसी ऐसे मसीहा की जो आकर उनको ठंड से बचा सके। ठिठुरते हुए रात न गुजारनी पड़े। बहुत से गरीब इन सर्दी की रातों में खुले आसमान के नीचे कांपते रहते हैं। हालांकि ऐसे कई लोग हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हुए नेक कार्य के लिए आगे आते हैं और गर्म कपड़े, कंबल आदि का वितरण कर लोगों को मानव सेवा के लिए प्रेरित करते हैं।

गरीबों के लिए सर्दी का मौसम काफी कष्टप्रद रहता है। गर्मी में तो काम चल जाता है, कहीं भी पड़े रहो इतनी दिक्कत नहीं होती लेकिन सर्दी में उनके लिए भारी मुसीबत होती है। कड़ाके की ठंड में बिना कपड़ों के उनको रातें गुजारनी पड़ती हैं। ठिठुरते हुए वह रात किसी तरह से रात व्यतीत करते हैं। हालांकि दिन में भी उनको परेशानी होती है लेकिन धूप निकलने पर कुछ राहत मिल जाती है। इस स्थिति में गरीब लोग किसी ऐसे मसीहा की राह देखते हैं जो उनको गर्म कपड़े और कंबल आदि का वितरण करे। समाज में कई लोग ऐसे हैं जो गरीबों की पीड़ा को समझते हैं और उनकी मदद के लिए आगे भी आते हैं। उनका यह कार्य समाज को प्रेरणा देने वाला होता है। भारत विकास परिषद से जुड़े अनिल गुप्ता ने अभी कुछ दिनों पहले अंध विद्यालय में जाकर नेत्रहीन बच्चों को गर्म कपड़े वितरित किये। कई कंबल उन लोगों को दिए जो फुटपाथ पर अपनी रातें गुजारते हैं। जिले के दो परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों ने मिशाल पेश करते हुए बच्चों को कपड़े वितरित किये। गरीब बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल ठिठुरते हुए आते थे। इसके अलावा भी समाज में तमाम लोग हैं जो गरीबों के लिए कुछ करने का जज्बा रखते हैं।

जिले में जो रैन बसेरा स्थाई रूप से बने हैं उनकी हालत खराब है। उपेक्षा के चलते उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जाता। सुविधाओं के नाम पर इन रैनबसेरा में कुछ भी नहीं है। जिला अस्पताल परिसर में गरीबों और मरीजों के तीमारदारों के लिए बनवाया गया रैनबसेरा हमेशा खाली पड़ा रहता है। व्यवस्थाएं न होने से कोई भी उनमें रुकना नहीं चाहता। बहुत ही मजबूर व्यक्ति होगा जो इस रैन बसेरा में ठहरता होगा। महिला अस्पताल में बने रैनबसेरा का भी यही हाल है। हालत यह है कि शौच तक के लिए उपयुक्त व्यवस्था नहीं है। इस स्थिति में लोग कैसे इसमें ठहर सकते हैं।

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