- आपके विचार से क्या मीरा की कृष्ण-भक्ति आज के युग में प्रासंगिक है?class 10 meets ke pad.
Answers
प्रतिध्वनि जयशंकर प्रसाद
मनुष्य की चिता जल जाती है, और बुझ भी जाती है परन्तु उसकी छाती की जलन, द्वेष की ज्वाला, सम्भव है, उसके बाद भी धक्-धक करती हुई जला करे।
तारा जिस दिन विधवा हुई, जिस समय सब लोग रो-पीट रहे थे, उसकी ननद ने, भाई के मरने पर भी, रोदन के साथ, व्यंग स्वर में कहा-"अरे मैया रे, किसका पाप किसे खा गया रे!"- तभी आसन्न वैधव्य ठेलकर, अपने कानों को ऊँचा करके, तारा ने वह तीक्ष्ण व्यंग रोदन के कोलाहल में भी सुन लिया था।
हाँ, हमारे विचार से मीरा की कृष्ण-भक्ति आज के युग में प्रासंगिक है।
Explanation:
मीरा की कृष्ण भक्ति आज के युग में भी प्रासंगिक है। आज के भौतिकवादी युग में प्रेम, स्नेह, त्याग इत्यादि को बिलकुल खत्म नहीं किया जा सकता है। मनुष्य भौतिकवाद के पीछे दौड़ तो रहा है किंतु समाज में अब लोग धीरे-धीरे अध्यात्म की ओर बढ़ रहे हैं। मीरा की कृष्ण भक्ति इसलिए प्रासंगिक है क्योंकि लोग आज प्रेम, त्याग, स्नेह, करुणा इत्यादि की चाह रख रहे हैं।
हाँ, हमारे विचार से मीरा की कृष्ण-भक्ति आज के युग में प्रासंगिक है।