आपकी यादगार घटना बताइए।
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मानव जीवन कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं का संग्रह है उन घटनाओं में, कुछ घटनाएं भूल जाती हैं लेकिन कुछ अन्य घटनाएं इतनी महत्वपूर्ण हैं और दिल को छूना है जिसे भूल नहीं किया जा सकता है और मन में ताजा रह सकता है। मेरा पहला दिन स्कूल उन घटनाओं में से एक है जो मेरे दिल में हमेशा ताज़ा रहेगा। तब मैं 6 साल का था एक दिन मेरी मां ने मुझे बताया कि मैं अगले दिन अपने स्कूल शुरू करने जा रहा था। मैं काफी उत्साहित हूँ। मैं और कुछ नहीं सोच सकता था मैं हमेशा स्कूल, शिक्षकों और स्कूल के छात्रों के बारे में सोच रहा था। रात में मैं भी सो नहीं सका अगली सुबह मेरी मां सुबह उठकर उठ गई । मेरे पास स्नान था और मेरे सबसे अच्छे कपड़ों पर रखा था। नाश्ते के बाद हम स्कूल की तरफ चलना शुरू कर चुके हैं। आधे घंटे बाद हम स्कूल पहुंचे। मैंने स्कूल परिसर में कई छात्रों को देखा कुछ खेल रहे थे और कुछ एक दूसरे से बात कर रहे थे लेकिन मुझे कोई भी नहीं पता था । तो, मुझे थोड़ा घबरा गया मेरी मां ने मुझे हेडमास्टर के कमरे में ले लिया। उसने मुझसे कुछ सवाल पूछा जैसा कि मैं उन सभी को जवाब दे सकता था, वह प्रसन्न हो गया। उसने एक शिक्षक में बुलाया और मुझे उसके साथ मेरी कक्षा में भेज दिया मुझे कक्षा एक में भर्ती कराया गया था कक्षा शिक्षक और छात्र मुझे दिल से प्राप्त करते हैं हालांकि मैं थोड़ा परेशान था, जल्द ही मैं आसान हो गया मैं उस दिन को याद रखूंगा जब तक मैं जीवित रहूंगा।
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परिचय
हमारे जीवन में दिन और समय बहुत ही तेजी के साथ बीतता हैं। हमारे जीवन का हर दिन एक जैसा नहीं होता है। अगर हम बीते दिनों के बारे में सोचे तो बीता हर दिन कैसा था, यह हमें ठीक से याद नहीं रहता। जीवन में कुछ दिन ऐसे भी होते हैं, जिसे हम आसानी से कभी नहीं भुला सकते और यही यादें एक अमिट याद बन जाती है। जब हम अपने जीवन की ऐसी घटनाओं को फिर से याद करते हैं, तो वो घटनाएं या तो हमें खुश कर जाती हैं या बहुत उदास कर देती हैं। यह सब हमारे उस बीते दिन के अनुभव पर निर्भर करता है।
मुझे उम्मीद है कि इस दुनिया में हर किसी ने ऐसा नहीं सोचा होगा कि एक असामान्य दिन उनके जिंदगी का सबसे यादगार दिन बन जाएगा। ये हमारी जिंदगी का एक ऐसा पल है जो हमारे जिंदा रहने तक हमारी यादों में हमारे साथ रहती है। यह एक अच्छी या बुरी यादों के रूप में हो सकती है।यदि यह जीवन की एक अच्छी और सुखद यादों के रूप में होती है तो हम चाहते हैं कि हम जीवन भर इसे साथ रखें, और यदि यह एक दुखद पल के रूप में हो तो हम कभी नहीं चाहते कि यह हमारे साथ रहें। ऐसे दोनों ही मामलों में, घटना हमारे लिए एक अविस्मरणीय घटना के रूप में शामिल हो जाती है। जब कभी भी हमसे अपने किसी अविस्मरणीय दिन के बारे में कोई सवाल करता है तो, जो हम अपने जीवन की वो घटनाएं सबसे पहले याद आती है जिन्हें हम कभी भी भुला नहीं पाते है।मेरा अनुभव: मेरे जीवन में अविस्मरणीय दिन
मैं अपने जीवन में एक दिन की यादें आपके साथ साझा करना चाहता हूं, जिसे मैं अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकता हूं। वास्तव में जो मेरे जीवन में जो हुआ मैं नहीं चाहता कि ऐसा और किसी के साथ हो। जीवन में जब भी मैं उस घटना को याद करता हूं तो मैं बहुत ही दुखी हो जाता हूं। मेरे नियमित जीवन में यह दिन भी एक सामान्य जीवन की ही तरह था।
उस दिन मैं सुबह जल्दी उठा और स्कूल जाने के लिए तैयार हुआ था। हमेशा की तरह सब कुछ सामान्य रूप से था। मेरा क्लास खत्म हुआ और मैं कुछ समय दोस्तों के साथ बिताने के बाद मैं अपने घर वापस आ गया था। उस दिन मैं अपने कोचिंग क्लास के लिए नहीं गया, क्योंकि मैं थका हुआ था और अच्छा महसूस नहीं कर रहा था।शाम का समय था और मैं अपने परिवार के साथ बैठकर चाय पी रहा था। तभी अचानक किसी ने मेरे दरवाजे पर दस्तक दी, वह मेरे ही पड़ोस की चाची थी। उन्होंने हमें बताया कि मेरे ही स्कूल के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली है और उसका पोस्टमॉर्टम का मामला उनके पति की निगरानी में किया जा रहा है। यह खबर सुनकर मुझे बहुत आश्चर्य हुआ, मैं थोड़ा दुखी भी हुआ पर मैं जो कर रहा था उस कार्य को जारी रखा।चौंकाने वाली खबर - उस दिन मेरे पिताजी के मोबाईल पर एक फोन आया था, क्योंकि उन दिनों मेरे पास अपना कोई निजी मोबाइल फोन नहीं था। बाद में मेरे पिताजी ने जो कुछ भी कहा मैं वो सब सुनकर चौक गया। आत्महत्या करने वाला छात्र कोई और नहीं बल्कि मेरा सबसे अच्छा दोस्त था। यह सब सुनकर वास्तव में मैं समझ नहीं पा रहा था कि मैं क्या करूँ और क्या कहूं। मैंने जो कुछ भी सुना मुझे उस बात पर विश्वास ही नहीं हुआ। मुझे वो सब दिन याद आने लगे जो दोपहर को हमने आपस में एक साथ बिताया करते थे।मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि यह मेरी आखिरी मुलाकात होगी जब मैं उससे दोपहर को मिला था। मैं इस खबर से इतना स्तब्ध था कि मैं कुछ बोल नहीं पा रहा था और मैं रो भी नहीं पा रहा था। उसके घर जाने और उसके शव को देखने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी। क्योंकि यह एक आत्महत्या का मामला था इसलिए यह एक पुलिस केस बन गया था। मामले की जांच के लिए पुलिस हमारे स्कूल परिसर में आ कर हमें 2-3 बार पूछताछ भी कर चुकी थी।बाद में यह पता चला कि वह डिप्रेशन में था। मैं उसके डिप्रेशन के बारे में जानता था पर मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था कि वो इस प्रकार अपनी जिंदगी खत्म करने का फैसला लेगा। वो स्कूल का बहुत ही मेधावी छात्र था। उसकी आत्मा की शांति के लिए स्कूल में एक दिन की छुट्टी भी रखी गयी थी। मेरी जिंदगी का सिर्फ वो ही दिन नहीं बल्कि मेरा वह पूरा महीना ही खराब रहा। उन दिनों मैं कई रातों को चैन से सो भी नहीं सका।