आपने अमरकंटक की यात्रा की है आप अपने मित्र को अमरकंटक के प्राकृतिक दृश्यों को वरण करने हूए patra लिखिए
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क,ख,ग
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प्रिय मित्र
यात्रा करना मानव की मूल प्रवृत्ति हैं. हम अगर मानव इतिहास पर नजर डाले तो पाएगे कि मनुष्य के विकास की यात्रा में यात्रा का महत्वपूर्ण योगदान हैं. वह अपने जीवन काल मे मानव कोई न कोई यात्रा के लिए कहीं न कहीं अवश्य जाया करता हैं. मैं आपको मेरी अमरकंटक यात्रा के बारे में बताने जा रहा हूँ
जिस नदी को सिर्फ देखने भर से गंगा में स्नान का पुण्य मिलता हो, ऐसी नदी नर्मदा का उद्गम स्थल है अमरकंटक। यहीं पर सतपुड़ा, विंध्य और मैकल पर्वत श्रेणियों का संगम होता है। यह जगह ऋषि दुर्वासा की तपस्थली भी कही जाती है जो अपने क्रोधी स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। क्यों खास है अमरकंटक पर्यटक स्थल...
-अमरकंटक छोटा किंतु सुंदर एवं शांतिप्रिय धार्मिक स्थल है। यह मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले में है।
-छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा यह स्थल तीर्थराज के नाम से प्रसिद्ध है। इस स्थान पर ही सतपुड़ा, विंध्य और मैकल की पहाड़ियों का मेल होता है।
-अमरकंटक देश की दो प्रमुख नदियों नर्मदा और सोन के उद्गम स्थल के लिए लोकप्रिय है। नर्मदा यहां से पश्चिम की एवं सोन पूर्व दिशा की ओर बहती है।
-नर्मदा को देश की सबसे पवित्र नदियों में से एक कहा जाता है।
-पुराणों के अनुसार गंगा में एक बार स्नान से, सरस्वती में तीन बार स्नान और जमुना में सात बार के स्नान से जो पुण्य मिलता है उतना नर्मदा को देखने मात्रा से मिल जाता है।
-अमरकंटक सालभर पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां सिर्फ तीर्थ यात्री ही नहीं अपितु सैर सपाटे के लिए पर्यटक अपने परिवार एवं मित्रों के साथ आते हैं।
-यह सिर्फ धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि मध्य भारत का खूबसूरत हिल स्टेशन भी है।
-अमरकंटक टीक और महुए के पेड़, विविध प्रकार के औषधीय पौधों, सुंदर झरनों और हरी भरी पहाड़ियों से घिरा है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
-यहां के बायो रिजर्व को यूनेस्को ने अपनी सूची में शामिल किया है। यहां भ्रमण के लिए किसी भी मौसम में जाया जा सकता है।
तुम्हारा मित्र
अ,ब,स