History, asked by ganeshbhadke88, 1 month ago

आपन वापरतो तो दिनदशिका वर

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Answered by Anonymous
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Answer:

the process by which green plants turn carbon dioxide and water into food using energy from sunlight

Answered by ashishsubudhi10
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Explanation:

भारतीय राष्ट्रीय पंचांग या 'भारत का राष्ट्रीय कैलेंडर' (संक्षिप्त नाम - भारांग ) भारत में उपयोग में आने वाला सरकारी सिविल कैलेंडर है। यह शक संवत पर आधारित है और ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ-साथ 22 मार्च 1957 , (भारांग: 1 चैत्र 1879) से अपनाया गया। भारत मे यह भारत का राजपत्र, आकाशवाणी द्वारा प्रसारित समाचार और भारत सरकार द्वारा जारी संचार विज्ञप्तियों मे ग्रेगोरियन कैलेंडर के साथ प्रयोग किया जाता है।

चैत्र भारतीय राष्ट्रीय पंचांग का प्रथम माह होता है। राष्ट्रीय कैलेंडर की तिथियाँ ग्रेगोरियन कैलेंडर की तिथियों से स्थायी रूप से मिलती-जुलती हैं। चन्द्रमा की कला (घटने व बढ़ने) के अनुसार माह में दिनों की संख्या निर्धारित होती है |

अधिवर्ष में, चैत्र मे 31 दिन होते हैं और इसकी शुरुआत 21 मार्च को होती है। वर्ष की पहली छमाही के सभी महीने 31 दिन के होते है, जिसका कारण इस समय कांतिवृत्त में सूरज की धीमी गति है।

महीनों के नाम पुराने, हिन्दू चन्द्र-सौर पंचांग से लिए गये हैं इसलिए वर्तनी भिन्न रूपों में मौजूद है और कौन सी तिथि किस कैलेंडर से संबंधित है इसके बारे मे भ्रम बना रहता है।

शक् युग, का पहला वर्ष सामान्य युग के 78 वें वर्ष से शुरु होता है, अधिवर्ष निर्धारित करने के शक् वर्ष मे 78 जोड़ दें- यदि ग्रेगोरियन कैलेण्डर में परिणाम एक अधिवर्ष है, तो शक् वर्ष भी एक अधिवर्ष ही होगा।

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