Hindi, asked by omkarpensalwar, 3 months ago

आपसे किसने कहा स्वर्णिम शिखर बनकर दिखो,
शौक दिखने का है तो फिर नीव के अंदर दिखो
चल पड़ी तो गर्द बनकर आस्मानों पर लिखो,
और अगर बैठो कहीं तो मील का पत्थर दिखो।
सिर्फ देखने के लिए दिखना कोई दिखना नहीं,
आदमी हो तुम अगर तो आदमी बनकर दिखो।
जिंदगी की शक्ल जिसमे टूटकर बिखरे नहीं,
पत्थरों के शहर में वो आईना बनकर दिखो।
इस कविता का नाम बताओ​

Answers

Answered by creativeworld1164
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Answer:

its a poem or story pls tell me

Answered by nandinishriwas2
0

Answer:

bhavarth for this kavita gajal

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