आपदा न्यूनीकरण पर निबंध prtiyogita
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आपदा न्यूनीकरण पर निबंध
प्राकृतिक आपदा से पूरा विश्व हमेशा त्रस्त रहता है। भारत विश्व का एक ऐसा देश है, जहां पर प्राकृतिक आपदाएं बेहद अधिक मात्रा में घटित होती हैं। भारत अनेक तरह की आपदाओं जैसे बाढ़, सूखा, चक्रवात, भूस्खलन, भूकंप, महामारी आदि से हमेशा त्रस्त रहता है। निरंतर होने वाले जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण में होने वाली क्षति के कारण आपदाओं का प्रकोप बढ़ने लगा है। जलवायु परिवर्तन का कारण मानव द्वारा प्राकृतिक संसाधनों से की जाने वाली छेड़छाड़ भी एक प्रमुख कारण रहा है।
आपदा न्यूनीकरण का उद्देश्य आपदा के जोखिम को कम करना है, ताकि आने वाली आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके। इन आपदा के खतरों के जोखिम को कम करने के लिए भूमि और पर्यावरण के संसाधनों का उचित प्रबंधन किया जाता है और आपदाओं से निपटने के लिए एक विशेष एवं ठोस कार्ययोजना तैयार की जाती है ताकि किसी भी तरह की आपदा से समय से पूर्व सावधान हुआ जा सके और उससे बचाव तथा होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सही समय पर उपाय किए जा सकें।
आपदा न्यूनीकरण से लोगों को जागरूक करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर वर्ष 13 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय आपदा न्यूनीकरण दिवस मनाया जाता है।इस दिवस का उद्देश्य यह है कि आपदाओं से होने वाले जोखिम प्रबंधन के लिए लोगों में जागरूकता लाई जा सके और आपदाओं से होने वाले जन एवं धन की हानि को कम करने के उपायों से लोगों अवगत कराया जा सके।
भारत जैसे देशों में अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग तरह की आपदाओं से आम जनता पर बेहद प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, जिससे जन और धन की भारी क्षति होती है जो देश के विकास में बाधक बन जाती है। उचित आपदा प्रबंध से आपदा न्यूनीकरण कार्यक्रम को लागू किया जाता है, जिससे आपदा के प्रकोप को कम किया जाता है।
प्राकृतिक आपदाओं को एकदम रोक पाना मानव के वश में नहीं है, लेकिन मानव अपने उचित प्रयासों और एक विशेष कार्य योजना से ऐसा प्रबंध कर सकता है कि वह आने वाली किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के जोखिम को कम कर सके आपदा न्यूनीकरण इसी दिशा में उठाया गया एक सकारात्मक अभियान है।
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