aapi sabd ka upsarg please answer do
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Explanation:
उपसर्गेण धात्वर्थः बलादन्यः प्रतीयते।
प्रहाराहारसंहारविहारपरिहारवत्।।
अर्थात् उपसर्ग से जुड़ने पर धातु का (मूल) अर्थ भिन्न हो जाता है। जैसे – ‘हार’ शब्द का अर्थ पराजय या माला है, किन्तु उपसर्ग लगने पर उसका अर्थ बिलकुल अन्य ही हो जाता है।
प्र+ हार = प्रहार = मार, चोट
आ + हार = आहार = भोजन
सम् + हार = संहार = विनाश
वि+ हार = विहार = भ्रमण
परि + हार = परिहार = वर्जन
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Answer:
aapidhaan, hai iska upsarg
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