आराध्य
को
निम्नलिखित पयांशों की व्याख्या डिजिए om
मैं सिखलाता है कि जिओ और जीने दो संसार को
जितना ज्यादा बोट सको तुम , बाटो अपने प्यार
हँसो इस तरह से तुम्हारे साब्य दलित यह धूल
की
पलो इस तरह कुचल न जाए पग
से
सुख न तुम्हारा सुख केवल अंग का भी इसमें भग
फूल डाल के पीछे पहले उपतन का भंगार है।
कोई नहीं पाया , मेरा पर सारा संसार
भी
फुल
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प्लीज़ write the questions correctly
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