aarakshan aj ki zarurat ya samasya nibandh in hindi
Answers
आरक्षण आज की जरूरत या समस्या | arakshan aaj ki jarorat ya samasya | reservation is today's need or problem
भारत की आजादी के बाद जब संविधान की निर्माण प्रक्रिया प्रारंभ हुई तो आरक्षण को दस वर्ष के लिए रखा गया था| बढ़ते-बढ़ते आज सत्तर साल में ये अपने जड़े गहरी जमा चुका है| समाज के कमजोर व पिछड़े वर्गो को विकास की राह्पर लाने के लिए उन्हें सरकारी नौकरियों में आरक्षण का लाभ दिया गया है| आज ये तबका आरक्षण के सहारे क्रीमी लेयर में आ गया है पर आरक्षण का मोह त्यागने के लिए तैयार नहीं है| राजनेता अपना वोट बैंक खतरे में देखते हुए इसे घसीटे जा रहे है| हालत इतने बदतर हो चुके है कि सवर्ण जाति के युवा प्रतिभाशाली होने पर भी चयनित नहीं होते और अनुसूचित जाति जनजाति के युवा अल्प प्राप्तांको के बावजूद उच्च पदों पर आसीन होते जा रहे है| समाज में असंतोष इस सीमा तक बढ़ गया है कि हरियाणा में जाट और राजस्थान में गुर्जर सक्षम होते हुए भी आरक्षण का लाभ लेने के लिए आये दिन हिंसक प्रदर्शन करते है| अब आरक्षण जरूरत नहीं रहा वरन देश की शांति में एक चुनौती बन गया है| स्पष्ट सी बात है जब हाल ही में जाति और आर्थिक स्थिति के आधार पर जनगणना हुई है तो क्रीमी लेयर से आरक्षण वापस लेकर उचित पात्रों को प्रदान करना चाहिए|