Hindi, asked by kailashmeghwalmortuk, 7 hours ago

आशा अमर कहानी की मूल संवेदना क्या है​

Answers

Answered by mahimaagrawal9027
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Answer:

दुनिया में एक दिन सब-कुछ खूटता है पर मनुष्य के मन से कभी आशा नहीं खूटती। यह अधर-आकाश फ़क़त आशा के सहारे ही जुगजुगान्तर से टिका हुआ है।” फिर पत्नी के पास आकर उसने आग्रह किया, “ला, यह भार मुझे दे दे। ... “तुम इस भार की फ़िकर मत करो।” पति को आश्वस्त करते उसने कहा, “बस, तेज़-तेज़ क़दमों से चलते रहो।

Explanation:

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