आशय स्पष्ट करें:
तेरा निज़ाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात ज़रूरी है इस बहर के लिए।?
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hey!!
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☆उत्तर:-☆
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कवि दुष्यंत ने वर्तमान शासन-व्यवस्था के चलते बुद्धिजीवी वर्ग की भयभीत विवशता पर प्रकाश डाला है। शासन अपनी कमी सुनने के लिए तैयार नहीं है। अतः वह शायरों और कवियों के मुँह सिल सकता है। कवि स्पष्ट करता है कि मुँह बंद कर लेना वह सावधानी भरा कदम है जो एक शायर द्वारा अपनी गज़ल के लिए उठाया गया है। मूक रहकर रचना को अंजाम देना शायर की विवशता और समय की माँग दोनों ही है।
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☆hope help u!!☆
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Explanation:
इन पंक्तियों का आशय यह है कि शासक वर्ग अपनी शक्ति का गलत प्रयोग करके अभिव्यक्ति पर पाबंदी लगा देता है। यह सर्वथा अनुचित है। शायर को गजल लिखने में इस प्रकार की सावधानी बरतने की जरूरत होती है। उसकी अभिव्यक्ति की आजादी कायम रहनी चाहिए।
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