"आतंकवाद एक भीषण समस्या" के लिए प्रस्तावना लिखें।
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Remember to only write introduction on the topic and not an essay.
Answers
आतंकवाद आतंकवाद को किसी भी धर्म से जोड़ाजाना गलत है। इसे एक प्रकार के हिंसात्मक गतिविधि के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि अपने आर्थिक,राजनीतिक एवं विचारात्मक लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति के लिए गैर-सैनिक अर्थात नागरिकों की सुरक्षा को भी निशाना बनाते हैं। गैर-राज्य कारकों द्वारा किये गए राजनीतिक, वैचारिक हिंसा को भी आतंकवाद की श्रेणी का ही समझा जाता है। अब इसके तहत गैर-कानूनी हिंसा और युद्ध को भी शामिल कर लिया गया है। अगर इसी तरह की गतिविधि आपराधिक संगठन द्वारा चलाने या उसको बढ़ावा देने के लिए करता है तो सामान्यतः उसे आतंकवाद माना जाता है, यद्यपि इन सभी कार्यों को आतंकवाद का नाम दिया जा सकता है। पिछले कई वर्षों से अब तक हुए आतंकवादी हमले में आतंकवादी के साथ आतंकी हमलों को अंजाम देने वाले राजकिय हे प्रेरीत होते है, इससे यह सिद्ध होता है की आतंकवाद को हिंसा करके पूरी दुनिया पर हिंसा जबरन लागू करना चाहते हैं। दुनिया में सिर्फ एक मात्र होना चाहिए, कोई और साथ को नही मानते, उन की संपत्ति, सत्ता की ही बात है, एकता को नही मानते। बावजूद इस के अब तक किसी कई देश ने इन आतंकी संगठनों को खत्म करने का ही प्रयास किया। कई देशों में हुई जांच में साबित हो चुका है कि आतंकवादियो कई देशों से आर्थिक सहायता राजकीय हेतुही गुप्त रूप से दी जाती है इस प्रकार आतंकवाद मानवता के लिये एक बहुत ही बड़ी समस्या बन चुका है
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Explanation:
आज के समय में देश विदेश की सबसे बड़ी समस्या के बारे में अगर पुछा जाये, तो बच्चा बच्चा भी यही बोलेगा आतंकवाद. आतंकवाद ने हमारे देश समाज को इस तरह जकड रखा है कि लाख कोशिशों के बाद भी ये जड़ से अलग नहीं हो रहा है. जितना हम इसे दबाते है, उतना ही विकराल रूप लेकर ये सामने आ जाता है. आतंकवाद को कैसे परिभाषित करें, यही समझ नहीं आता, क्यूंकि हर कोई इसे अपने ढंग से समझता है.भारत में स्वतंत्रता की लड़ाई के समय अंग्रेजस्वतंत्रता सेनानियों को आंतंकवादी समझते है, जबकि वे तो अपने हक के लिए लड़ रहे है. कई बार हक़ की लड़ाई लड़ने वाला उग्र हो जाता है, उसे सामने वाला आतंकवादी समझ लेता है. हर हिंसा करने वाला आतंकवादी नहीं होता, लेकिन हर अहिंसावादी आतंकवादी न हो ये भी जरुरी नहीं है.
आतंकवाद क्या है ? (What is Terrorism)
आतंकवाद गैर कानूनी कार्य है, जिसका मकसद आम लोगों के अंदर हिंसा का डर पैदा करना है. आतंकवाद एक शब्द मात्र नहीं है, यह मानव जाति के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है, जिसे मानव ने खुद निर्मित किया है. कोई भी एक इन्सान या समूह मिलकर यदि किसी जगह हिंसा फैलाये, दंगे फसाद , चोरी, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई-झगड़ा, बम ब्लास्ट करता है, तो ये सब आतंकवाद है.
भारत में नक्सलवादीयों के रूप में पहली बार आतंकवाद को देखा गया था. 1967 में पहली बार बंगाल के क्षेत्र में कुछ लोग उग्र हो गए थे, अपनी बात मनवाने के लिए वे नक्सलवादी बनकर सामने आये थे.
आंतकवाद की समस्या के कुछ मुख्य कारण (Cause of Terrorism Problem in hindi)–
बन्दूक, मशीन गन, तोपें, एटम बोम, हाईड्रोजन बम, परमाणु हथियार, मिसाइल आदि का अधिक मात्रा में निर्माण होना.
आबादी का तेजी से बढ़ना
राजनैतिक, सामाजिक, अर्थव्यवस्था
देश की व्यवस्था के प्रति असंतुष्ट
शिक्षा की कमी
गलत संगति
बहकावे में आना
आतंकवाद के इसके अलावा बहुत से कारण हो सकते है. आजकल अपनी बात को मनवाने व सही साबित करने के लिए आतंकवाद को ही पहला हथियार बनाया जाता है. आतंकवादी के अंदर समाज, देश के प्रति विद्रोह, असंतोष होता है. भ्रष्टाचार, जातिवाद, आर्थिक विषमता, भाषा का मतभेद ये सब आतंकवाद के मूल तत्व है, इन्ही के बाद आतंकवाद पनपता है. हिन्दू-मुसलमान जाति के बीच के दंगे सबसे प्रसिद्ध है, ऐसी और जाति के बीच मतभेद होने से आतंकवाद आता है. गुजरात में हुआ गोधरा कांड, खालिस्तान की मांग आदि सब क्षेत्रवाद के चलते हुए दंगे है. पैसे कमाने की जल्दी में भी लोग आतंकवाद का हाथ थाम लेते है और गलत काम करके रातों रात अमीर बन जाते है.
आतंकवाद का असर/ दुष्परिणाम (Effect of Terrorism) –
आतंकवाद का मुख्य उद्देश्य सामाजिक व राजनैतिक सिस्टम को आहात पहुचाना है. आतंकवाद का असर सबसे ज्यादा आम जनता को ह