Hindi, asked by sarveshgaur91, 4 days ago

आत्मा अजर और अमर है उसमें अनत्त ज्ञान शक्ति और आनंद का भंडार है अकेले ज्ञान कहना भी पर्याप्त हो सकता है

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Answered by irtizamanzoor2004
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आत्मा क्या है? (What is Atma)

हिंदू सनातन धर्म के अनुसार मनुष्य हर जन्म में एक नया शरीर लेकर तो जन्म लेता है लेकिन उसकी आत्मा नई नहीं होती। आत्मा अपने पूर्व जन्म के कर्मों के अनुसार नया जन्म और नए शरीर को धारण करती है। आत्मा कपड़ों की तरह शरीर बदल-बदल कर पृथ्वी लोक यानि कर्म लोक में आती है। आत्मा को बार-बार इस धरती पर अपने कर्म चक्र को पूरा करने के लिए ही जन्म लेना पड़ता है और यह यात्रा मोक्ष के बाद ही समाप्त होती है। मोक्ष यानि मुक्ति, यहां मुक्ति का अर्थ कर्मों की मुक्ति से है। यही कारण है कि हिन्दू धर्म में मोक्ष को सबसे बड़ा लक्ष्य माना गया है। मोक्ष की प्राप्ति के बाद ही आत्मा का यात्रा चक्र समाप्त होता है। 

 

हिंदू धर्म के सबसे बड़े दर्शन शास्त्र ”गीता” में कहा गया है कि 

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय   नवानि  गृह्णाति नरो पराणि ।

तथा शरीराणि विहाय जीर्णा-  न्यन्यानि  संयाति नवानि देही ।

 

उपरोक्त पंक्तियों का सार है कि जिस तरह वस्त्र गंदे होने पर इंसान नए वस्त्र धारण करता है उसी प्रकार आत्मा भी नित नए शरीर धारण कर लेती है। 

 

आत्मा की स्थिति 

 

नैनं  छिन्दन्ति  शस्त्राणि  नैनं दहति पावक: ।

न  चैनं  क्लेदयन्तापो  न  शोषयति मारुत: ।

भावार्थ : आत्मा वो है जिसे किसी भी शस्त्र से भेदा नहीं जा सकता, जिसे कोई भी आग जला नहीं सकती, कोई भी दुख उसे तपा नहीं सकता और न ही कोई वायु उसे बहा सकती है।

 

गीता के उपरोक्त श्लोक से आत्मा की स्थिति का पूर्ण ज्ञान हो जाता है। आत्मा कभी मरती या खत्म नहीं होती है यह तो केवल एक प्राणी से दूसरे प्राणी में चली जाती है, हर बार नए शरीर के साथ पृथ्वी यानि कर्मलोक में आती है। 

Answered by gkratoliya652
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rekhankit ansh ka vyakhya kijiye

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