Hindi, asked by vinuronaldo1, 10 months ago

आत्म पररचय पर अनुच्छेद लिखिए​

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Answered by shivendrasingh12911
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आत्म पारिचय

जब तक हमारा कवि के विचारों से परिचय न हो तब तक हम उसकी रचना के अर्थ, भाव और प्रतीकात्मक संदेश तक नहीं पहुंच सकते। अतः सबसे पहले हम बच्चन जी की विचार-भूमि से परिचित हो लेते हैं।

बच्चन जी के काव्य सृजन का समय हिंदी कविता के छायावादी युग के ठीक बाद का है। छायावादी कविता में जो रोमानीपन है, भाषा में लालित्य के प्रति मोह है और जीवन के यथार्थ के साथ जो निरपेक्षता का भाव है, वह उन दिनों क्षीण हो रहा था। कविता कल्पनाओं के मनोरम संसार से ऊब कर जीवन की वास्तविकता तक पहुंचने के लिये संघर्ष कर रही थी।

दुनिया दो महायुद्धों की भीषण मारकाट और तबाही भोग चुकी थी। युद्ध के कारण आम आदमी का हृदय बुरी तरह विकल था। आर्थिक संकटों का बोझ था। बाहर की हिंसा ने अंदर के मन को भी लहुलुहान कर दिया था।

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