आत्म सम्मान सफलता की पहली सीढ़ी पर एक मौलिक कथा लिखिए
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व्यक्ति आत्म सम्मान के अभाव में सफल तो हो सकता है, बाह्य उपलब्धियों भरा जीवन भी सकता है, किंतु वह अंदर से भी सुखी, संतुष्ट और संतृप्त होगा, यह संभव नहीं है। आत्मसम्मान के अभाव में जीवन एक गंभीर अपूणर्ता रिक्तता से भरा रहता है। ... जीवन में सफलता और प्रसन्नता की अनुभूति का आधार आत्मसम्मान और आत्मगौरव की स्वस्थ भावदशा ही है।
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i think you like the answer
Khankaji:
bro but too small
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