Social Sciences, asked by sakshi77, 1 year ago

आत्मकथा की दृष्टि से जूठन की विशेषताएं बताइए

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Answered by monu7bishnoi
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Jhootan Mahan aur Sahasi dalit saahityakaar Omprakash Valmiki ji davara likhi gayi ek marmik aur sachhi kriti hai jo dalito aur pariskrit samaj ki vyatha  hai . Apne niji aur kadve vratanto aur anubhavo ke aadhaar par Omprakash ji davara likhi is rachna ki tareef BBC ne bhi ki hai .

Mukhya  Visheshtaaye

 

1.Dalit ki majboori aur unche darjo ke pakspaat ko darsaati hai .

2.Samajik  kutiltaao , yaatnao aur bhedbhav ko bakhoobi bayaan krti hai  ye aatmakatha .

3.garibi aur varan jaati ke aadhaar hui har peeda ko sabdho se jindaa kiya hai lekhak ne .

4.Niman varg ki takleefo se ubar kar savaym ko sidhh krne ki yaarta hai ye aatma katha .

5.Samaj aur mohalle ki har  mansik aur saaririk gandgi ko ujaagar krti hai ye aatma katha .

6.Sadharan  sabdo se  jhoot par waar krti ye sachaayi ki ye jhoothan amar hai aaj bhi .

 

Answered by rachanavyas
24
आत्मकथा की दृष्टि से जूठन की विशेषताएं बताइए| aatmkatha ki drishti se JOOTHN ki visheshtaye. main features of JOOTHAN from the perspective of autobiography.

आत्मकथा की सार्थकता इसी में है कि वो पूरी ईमानदारी और सजीवता के साथ लिखी जाये| न कोई बनावटीपन हो न ही तथ्य छिपाए जाये| इस दृष्टि से ओमप्रकाश वाल्मीकि की ‘जूठन’ महत्वपूर्ण है| मराठी साहित्य को छोड़कर हिंदी में किसी दलित लेखक ने इस बेबाकी और साहस से आत्मकथा नही लिखी| देश की आजादी के आठ वर्षो बाद जहाँ कागजों में दलितों के लिए विद्यालय खुले थे वहीं जमीनी स्तर पर उन्हें अत्यंत प्रताड़ित किया जाता था| न उन्हें पेट भर खाना नसीब था न उनके बच्चों को ससम्मान शिक्षा| ओमप्रकाश में पढने की ललक थी पर शिक्षक इसे अनुचित मानकर उन्हें अपमानित करते थे| तमाम विसंगतियों के मध्य लेखक ने अपनी शिक्षा यात्रा और सवर्ण लडकी के साथ अपने प्रेम- प्रसंग की त्रासदी को बखूबी चित्रित किया है| इस आत्मकथा में लेखक उन सवर्णों की अमानवीयता का चित्रण बखूबी करने में सफल हुए है जो छुआछूत करके स्वयम को एक सार्थक इन्सान मानने की गलतफहमी पाले हुए थे| दुर्भाग्य  से लेखक ने इस अनुचित व्यवहार और भद्दे श्ब्दप्रहारों को बचपन से सहा|  इस आत्मकथा को लिखने से पहले लेखक पेशोपेश में थे कि क्या उन्हें उनके साथ हुए अत्याचार को सार्वजनिक कर देना चाहिए| अंततः उन्होंने सत्य लिखा और सत्य कभी नही छिपता| अत: संक्षेप में हम यह कह सकते है कि लेखक ने ‘जूठन’ में वे सभी विशेषताएं समाहित की है जो एक आत्मकथा में होनी चाहिए जैसे साफगोई, तथ्यपरकता, सटीक चित्रण और आपबीती|

 

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