Hindi, asked by nemesiazo, 2 months ago

आत्मत्राण कविता का प्रतिपाद्य लिखिए और बताइए कि इस कविता से आपको क्या सीख मिली? pls answer in 100-150 words i will give 50 points for answer and branliest to the fastest and best answer​

Answers

Answered by Anonymous
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Explanation:

इस कविता में कविगुरु ईश्वर से अपने दुःख दर्द कम न करने को कह रहे है। वे उनसे दुःख दर्दों को झेलने की शक्ति मांग रहे हैं। कविगुरु ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी भी परिस्थिति में मेरे मन में आपके प्रति संदेह न हो। ... दुःख और कष्टों से मुझे बचा कर रखो में तुमसे ऐसी कोई भी प्रार्थना नहीं कर रहा हूँ।

Answered by llFollowll27
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आत्मत्राण पाठ सार

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इस कविता का बंगला से हिंदी रूपांतरण आचार्य हरी प्रसाद द्विवेदी जी ने किया है। इस कविता में कविगुरु ईश्वर से अपने दुःख दर्द कम न करने को कह रहे है। वे उनसे दुःख दर्दों को झेलने की शक्ति मांग रहे हैं। कविगुरु ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि किसी भी परिस्थिति में मेरे मन में आपके प्रति संदेह न हो।

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