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आतंकवाद की समस्या, कारण और समाधान ( What is Terrorism Problem, causes, type and solution in Hindi)
आज के समय में देश विदेश की सबसे बड़ी समस्या के बारे में अगर पुछा जाये, तो बच्चा बच्चा भी यही बोलेगा आतंकवाद. आतंकवाद ने हमारे देश समाज को इस तरह जकड रखा है कि लाख कोशिशों के बाद भी ये जड़ से अलग नहीं हो रहा है. जितना हम इसे दबाते है, उतना ही विकराल रूप लेकर ये सामने आ जाता है. आतंकवाद को कैसे परिभाषित करें, यही समझ नहीं आता, क्यूंकि हर कोई इसे अपने ढंग से समझता है. भारत में स्वतंत्रता की लड़ाई के समय अंग्रेज स्वतंत्रता सेनानियों को आंतंकवादी समझते है, जबकि वे तो अपने हक के लिए लड़ रहे है. कई बार हक़ की लड़ाई लड़ने वाला उग्र हो जाता है, उसे सामने वाला आतंकवादी समझ लेता है. हर हिंसा करने वाला आतंकवादी नहीं होता, लेकिन हर अहिंसावादी आतंकवादी न हो ये भी जरुरी नहीं है.
आतंकवाद | terrorism
आतंकवाद क्या है ? (What is Terrorism)
आतंकवाद गैर कानूनी कार्य है, जिसका मकसद आम लोगों के अंदर हिंसा का डर पैदा करना है. आतंकवाद एक शब्द मात्र नहीं है, यह मानव जाति के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है, जिसे मानव ने खुद निर्मित किया है. कोई भी एक इन्सान या समूह मिलकर यदि किसी जगह हिंसा फैलाये, दंगे फसाद , चोरी, बलात्कार, अपहरण, लड़ाई-झगड़ा, बम ब्लास्ट करता है, तो ये सब आतंकवाद है.
भारत में नक्सलवादीयों के रूप में पहली बार आतंकवाद को देखा गया था. 1967 में पहली बार बंगाल के क्षेत्र में कुछ लोग उग्र हो गए थे, अपनी बात मनवाने के लिए वे नक्सलवादी बनकर सामने आये थे.
आंतकवाद की समस्या के कुछ मुख्य कारण (Cause of Terrorism Problem in hindi)–
बन्दूक, मशीन गन, तोपें, एटम बोम, हाईड्रोजन बम, परमाणु हथियार, मिसाइल आदि का अधिक मात्रा में निर्माण होना.
आबादी का तेजी से बढ़ना
राजनैतिक, सामाजिक, अर्थव्यवस्था
देश की व्यवस्था के प्रति असंतुष्ट
शिक्षा की कमी
गलत संगति
बहकावे में आना
आतंकवाद के इसके अलावा बहुत से कारण हो सकते है. आजकल अपनी बात को मनवाने व सही साबित करने के लिए आतंकवाद को ही पहला हथियार बनाया जाता है. आतंकवादी के अंदर समाज, देश के प्रति विद्रोह, असंतोष होता है. भ्रष्टाचार, जातिवाद, आर्थिक विषमता, भाषा का मतभेद ये सब आतंकवाद के मूल तत्व है, इन्ही के बाद आतंकवाद पनपता है. हिन्दू-मुसलमान जाति के बीच के दंगे सबसे प्रसिद्ध है, ऐसी और जाति के बीच मतभेद होने से आतंकवाद आता है. गुजरात में हुआ गोधरा कांड, खालिस्तान की मांग आदि सब क्षेत्रवाद के चलते हुए दंगे है. पैसे कमाने की जल्दी में भी लोग आतंकवाद का हाथ थाम लेते है और गलत काम करके रातों रात अमीर बन जाते है.