आदिमानव के हथियार उपयोग सचित्र वर्णन करें (50/ 60) शब्दों में. of science
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Explanation:
हथियारों की समाज में अहम भूमिका रही है और हथियारों ने इतिहास को बदलने और उसे बनाने का काम किया है। उन्होने सभ्यताओं को नष्ट किया और बनाया।
बारूद का आविष्कार चीन में हुआ और मध्य युग में यह यूरोप के रणक्षेत्रों में प्रयोग की जाने लगी। इससे सैन्यनीति में क्रांति आ गयी। प्रथम विश्वयुद्ध में पराजय के बाद जर्मन नये और उत्कृष्ट हथियार बनाने में जुट गये, जैसे जेट फाइटर आदि। द्वितीय विश्वयुद्ध ने तो हथियारों की दौड़ ही शुरू कर दी जिसकी परिणति परमाणु बम के विकास में हुई।
हथियारों का इतिहास प्रागैतिहासिक काल में बड़े ही सरल हथियारों के निर्माण से शुरु होता है। इसमें पत्थर के औजार, लकड़ी के भाले आदि थे। इसके बाद धनुष और वाण का प्रयोग हुआ।
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आदिमानव के हथियार उपयोग –
आदिमानव पत्थरों, लकड़ी तथा जानवरों की हड्डियों और सींगों से हथियार बनाता था। पत्थरों के हथियार अधिकतर चकमक पत्थरों से बनाए जाते थे। इन हथियारों में पत्थरों से बने हथौड़े, कुल्हाड़ियाँ तथा वसूले प्रमुख थे। आरम्भ में हथियार को बिना मूठ तथा हत्थे के ही काम में लाया जाता था। बाद में लकड़ी के हत्थों में बाँधकर इनका प्रयोग किया जाने लगा। आगे चलकर जब मनुष्य ने धातु की खोज कर ली तो वह धातु के हथियार बनाना भी सीख गया।
आदिमानव पत्थरों के औजारों का उपयोग जानवरों का शिकार करने, माँस काटने, लकड़ी काटने, कन्दमूल खोदने आदि के लिए करता था।
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