आदिमानव का रहन-सहन विषय पर अपने विचार लिखिए
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they were fully depend on nature. and their food was meat, leaves, etc. and they had no their self home they slept anywhere and their fix place wes not always were mooching here and there they were sleep on any place.
Answer:
आदिमानव का रहन-सहन बहुत मुश्किल था | उन्हें अपना जीवन के निर्वाह के लिए बहुत सारी मेहनत करनी पड़ी थी |
आदि मानव समय में मानव के पास नहीं तो रहने के लिए घर होते थे , न ही उनके पास पहनने को कपड़े होते थे , न ही खाने के लिए कुछ होता था वह जंगली फल खाते थे और गुफा में रहने वाले मानव जानवरों का शिकार करके खाना, सिर्फ मांस खाते थे. उनका रहन सहन बिलकुल अलग था | वह पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर थे। और उनका भोजन मांस, पत्तियाँ आदि थे और उनका अपना घर नहीं था, वे कहीं भी सोते थे और उनका स्थान निश्चित नहीं होता था, वह किसी भी स्थान पर सोते थे।
"धीरे धीरे खाने में कई बदलाव हुए ,बहुत सारी चीजें नई आई और कई गुम हो गई |
वह पत्थरों के छोटे छोटे टुकड़े काटकर पतली धार वाले हथियार, आरी, चाक़ू बनाकर उसका प्रयोग करने लगा| और आग पर खाना बनाने लग पड़ा | बड़े टुकड़ो से कुल्हाड़ी, हथौड़ी, वसूला आदि बनाकर लकड़ी काटने एवं अन्य उपयोग करने लगा | बाद में धीरे धीरे इन्ही पत्थरों के औजारों में लकड़ी का हत्था डालकर और अच्छी तरह से उपयोग करने लगा| पत्थर की चाक बनाकर मिट्टी के बर्तन बनाने लगा | मानव विकास करने लगा और रहने के लिए और खाने के लिए , पहनने के लिए सब कुछ है |
आज के समय में मानव आधुनिक बन गया है उसके पास सब कुछ है सब कुक हासिल कर लिया है| नए-नए आविष्कार कर लिए है , सब कुछ आसन हो गया है | कृषि से लेकर विज्ञान तक सब में प्रगति कर ली है |