Hindi, asked by skabhashgyan, 1 month ago

आधुनिक मनुष्य सत्य के साक्षात्कार तक ही नहीं रुकता, क्योंकि ज्ञान उसका लक्ष्य नहीं होता । यह साक्षात्कृत सत्य को आचरित करने का लक्ष्य लेकर चलने वाला होता है । अत: करनी के लिए उसे हर क्षण नया निर्णय लेना पडता है । सार्त्र ने इसलिए कहा कि मनुष्य के लिए सत्य का साक्षात्कार ही बडी बात नहीं है , साक्षात्कृत सत्य के अनुकूल निर्णय लेने की क्षमता भी होनी चाहिए , क्योंकि इस क्षमता के बिना सत्य का साक्षात्कार निष्फल है । 1. प्रस्तुत गद्यांश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है ?
(a) सत्य का साक्षात्कार
(b) साक्षात्कृत सत्य
(c) सत्य का आचरण
(d) सत्य की खोजen riddle? *​

Answers

Answered by sarishti13052
0

Answer:

hi good afternoon how are you

Explanation:

आधुनिक मनुष्य सत्य के साक्षात्कार तक ही नहीं रुकता, क्योंकि ज्ञान उसका लक्ष्य नहीं होता । यह साक्षात्कृत सत्य को आचरित करने का लक्ष्य लेकर चलने वाला होता है । अत: करनी के लिए उसे हर क्षण नया निर्णय लेना पडता है । सार्त्र ने इसलिए कहा कि मनुष्य के लिए सत्य का साक्षात्कार ही बडी बात नहीं है , साक्षात्कृत सत्य के अनुकूल निर्णय लेने की क्षमता भी होनी चाहिए , क्योंकि इस क्षमता के बिना सत्य का साक्षात्कार निष्फल है । 1. प्रस्तुत गद्यांश के लिए सर्वाधिक उपयुक्त शीर्षक क्या हो सकता है ?

(a) सत्य का साक्षात्कार

(b) साक्षात्कृत सत्य

(c) सत्य का आचरण

(d) सत्य की खोजen riddle? *

Answered by guccilinatakhel
1

Answer:

I can't understand you word can you write in English

Explanation:

I will surely answer if you ask in English

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